मलयालम साहित्य के दिग्गज और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता एम. टी. वासुदेवन नायर का केरल के कोझिकोड के एक निजी अस्पताल में बुधवार को निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे।

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एमटी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। राज्य सरकार ने 26 और 27 दिसंबर को दो दिन के आधिकारिक शोक की घोषणा की है।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक फोटो शेयर करते हुए लिखा कि एम.टी. वासुदेवन नायर के निधन से हमने मलयालम साहित्य के एक ऐसे दिग्गज को खो दिया है, जिन्होंने हमारी भाषा को वैश्विक ऊंचाइयों पर पहुंचाया। धर्मनिरपेक्षता और मानवता के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता एक ऐसी विरासत छोड़ गई है जो पीढ़ियों को प्रेरित करेगी। उनके परिवार और सांस्कृतिक समुदाय के प्रति हार्दिक संवेदना।

बता दे कि उन्हें मलयालम के महानतम लेखकों में से एक माना जाता है और वे केरल से प्रकाशित होने वाली एक सुप्रसिद्ध पत्रिका, मातृभूमि साप्ताहिक के संपादक भी रहे।

पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित एम.टी. मलयालम साहित्य और सिनेमा में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे।

उनके योगदान ने दोनों क्षेत्रों में अमिट छाप छोड़ी, जिससे उन्हें मलयालम भाषा के सबसे प्रसिद्ध लेखकों में से एक के रूप में मान्यता मिली।

एम.टी. ने पटकथा लेखन के लिए चार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते और सात फिल्मों का निर्देशन किया, जबकि लगभग 54 अन्य फिल्मों की पटकथा लिखी।

2013 में उन्हें मलयालम सिनेमा में आजीवन उपलब्धि के लिए जे.सी. डैनियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

2022 में उन्हें केरल सरकार द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च नागरिक सम्मान केरल ज्योति पुरस्कार मिला।

साहित्य में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए एमटी को 1995 में भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ से सम्मानित किया गया था।

पद्म भूषण से सम्मानित एमटी मलयालम साहित्य और सिनेमा में एक प्रमुख व्यक्ति थे।

इस साल अक्टूबर में एम. टी. वासुदेवन नायर तब सुर्खियों में आए जब उनके घर से सोने के गहने चोरी हो गए, जब वे और उनकी पत्नी घर से बाहर थे।

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