यूपी के आगरा जिले में एक शख्स ने बीमा पॉलिसी की राशि हड़पने के लिए ऐसी साजिश की जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। दरअसल, 90 लाख की इंश्योरेंस के लिए उसने अपने आप को मरा हुआ साबित कर दिया और अपनी शव को दिखाने के लिए एक भिखारी की हत्या कर दी।
आपको बता दें कि यह घटना 31 जुलाई 2006 का है। थाना रकाबगंज क्षेत्र में सड़क हादसे का केस दर्ज हुआ था। एक कार खंभे से टकरा गई थी, जिसमें आग लग गई थी। इसमें चालक सीट पर एक लाश मिली थी। चालक की पहचान गौतम बुद्ध नगर के पारसौल गांव निवासी अनिल मलिक (39) के रूप में की गई थी। पिता ने शव को पहचाना था।
इस मामले में अहमदाबाद पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि आरोपी अनिल मलिक जिंदा है। वह नाम राजकुमार चौधरी रखकर निकौल क्षेत्र में रह रहा है। अपराध शाखा के अधिकारियों ने छानबीन के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने बीमा पॉलिसी का लाभ लेने के लिए परिजन के साथ मिलकर साजिश रची थी।
पुलिस के द्वारा पूछताछ करने के बाद आरोपी अनिल ने बताया कि साल 2004 में बीमा पाॅलिसी ली थी। बाद में कार खरीदी। वर्ष 2006 में आगरा आए और ट्रेन में भीख मांगने वाले व्यक्ति को खाना खिलाने के बहाने अपने साथ होटल में ले गए। भोजन में नशे का पदार्थ मिला दिया। भिखारी के बेहोश होने पर उसे कार में बैठा दिया। इसके बाद कार को खंभे से टकरा दिया। कार में आग लगा दी।
मिली जानकारी के अनुसार इस साजिश में उसके परिजन भी शामिल थे, जो बड़े आसानी से भिखारी की पहचान अपने परिवार के सदस्य के रुप में कर लिए। पूरे विधि विधान के साथ अपने पैतृक गांव में अंतिम संस्कार भी कर दिया। 90 लाख रुपये के बीमे का दावा कर उसे प्राप्त भी कर लिया। अपना हिस्सा लेने के बाद अनिल अहमदाबाद में रह रहा था। वह पैतृक गांव नहीं जाता था। उसने बदले हुए नाम से ही चालक लाइसेंस और आधार कार्ड भी बनवाया। उसने ऑटो रिक्शा और कार भी खरीद ली। घटना में अनिल के पिता, भाई और दोस्त के भी शामिल होने का शक है।
शुक्रवार को दनकौर पहुंची अहमदाबाद पुलिस ने बताया कि अनिल मलिक के पिता विजयपाल सिंह और भाई गाजियाबाद में रहते हैं। कुछ दिन से अनिल भाइयों और दोस्तों के संपर्क में था। पुलिस अनिल को लेकर पारसौल के इंटर कॉलेज में पहुंची। अनिल ने 8वीं तक की पढ़ाई पारसौल के किसान इंटर कॉलेज में की थी। रिकॉर्ड में उसका नाम अनिल मलिक ही पाया गया। पुलिस अब अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है। इंटर कॉलेज में रिकॉर्ड की पुष्टि करने और आवश्यक प्रमाण पत्र ले जाने के बाद अहमदाबाद पुलिस उसे अपने साथ ले गई। पुलिस का कहना है कि आवश्यक रिकॉर्ड उपलब्ध करने के बाद उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेजा जाएगा।