दिल्ली में पिछले 8 साल में 100 से ज्यादा अफसरों को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। 2015 से 2022 के बीच हर साल कम से कम एक दर्जन अधिकारियों को रिश्वत लेनदेन के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। एक आरटीआई आवेदन से यह जानकारी सामने आई है। इंडियन एक्सप्रेस की ओर से दायर किए गए आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि इनमें से अधिकतर दिल्ली जल बोर्ड (डीजेपी), म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ दिल्ली (एमसीडी) और राजस्व विभाग के हैं, जहां आम लोग अपने कामकाज के लिए पहुंचते हैं।

हालांकि, इस दौरान 144 केसों में फाइल किए गए चार्जशीट में चालान या चार्जशीट तो दायर किए गए लेकिन केवल 32 फीसदी में दोष साबित हुआ।  2015 से 2022 के बीच दिल्ली सरकार के विभागों से 101 अधिकारियों को पकड़ा गया। इनके अलावा इस साल एसीबी ने 3 अधिकारियों को गिरफ्तार किया। इस साल दो ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी और एक एमसीडी से पकड़ा गया। इस तरह कुल संख्या 104 हो गई।

रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये अफसर उन विभागों के हैं जो एसीपी के दायरे में आते हैं। केंद्र सरकार के विभागों के अधीन विभागों में तैनात अधिकारियों या सिविल सर्विसेज के अफसरों के करप्शन केस केंद्रीय जांच एजेंसियों जैसे सीबीआई के दायरे में आते हैं। आरटीआई में मिले जवाब के मुताबिक, सबसे अधिक 23 अफसर दिल्ली जल बोर्ड के हैं। इसके अलावा एमसीडी और रेवेन्यू डिपार्टमेंट के 18-18 अफसरों को इस अवधि में गिरफ्तार किया गया है। कम दोषसिद्धि को लेकर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कानून में कुछ कमियों से लेकर, अप्रभावी अभियोजन और ट्रायल के वक्त तक सबूतों नष्ट कर दिए जाने जैसे कारक बताए। दिल्ली सरकार के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की 169 शिकायतें अलग-अलग चरण में हैं।

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