8 अप्रैल को सूर्य ग्रहण लगने वाला है। वैसे तो सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना मानी जाती है, लेकिन हिंदू धर्म में इसका काफी महत्व माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण का प्रभाव ग्रह,नक्षत्र और सभी राशियों पर देखने को मिलता है। सूर्यग्रहण ब्रह्मांड का एक विशेष घटनाक्रम है। सूर्यग्रहण की दृश्यता के अनुसार ही सूतक काल को निर्धारित किया जाता है। वहीं अगर भारत में ग्रहण नजर आता है तो यहां सूतक काल मान्य होता है, इसके अलावा अगर ग्रहण नजर नहीं आ रहा है तो सूतक काल यहां मान्य नहीं होगा। धार्मिक दृष्टि से ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। जब चन्द्रमा, पृथ्वी और सूर्य के मध्य से होकर गुजरता है तथा पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूर्ण अथवा आंशिक रूप से चन्द्रमा द्वारा आच्छादित होता है, तब सूर्य ग्रहण पड़ता है। भौतिक विज्ञान की दृष्टि से स्पष्ट रूप से समझें तो, जब सूर्य व पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है, तब चंद्रमा के पीछे सूर्य का अंश कुछ समय के लिए छुप जाता है, जिस कारण सूर्यग्रहण की स्थिति परिलक्षित होती है। आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण का समय, कहां -कहां दिखेगा, प्रभाव आदि के बारे में।
सूर्य ग्रहण का समय क्या है ?
8 अप्रैल 2024 को सूर्य ग्रहण लग रहा है। ये इस साल का पहला सूर्य ग्रहण हैं। भारतीय समय के अनुसार सूर्य ग्रहण रात 09 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा और रात 01 बजकर 25 मिनट पर खत्म हो जाएगा। सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे और 25 मिनट बताई जा रही है। आपको बता दें साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि नवरात्रि की पूजा में इससे कोई बाधा नहीं आएगी।
कहां – कहां दिखागा सूर्य ग्रहण?
सूर्यग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा। पश्चिमी यूरोप पेसिफिक, आर्कटिक मेक्सिको, अटलांटिक, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका, कनाडा, आयरलैंड और इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में दिखाई देगा।
भारत में सूतक काल मान्य होगा या नहीं ?
वैसे तो सूर्य ग्रहण के लगने से पहले ही सूतक काल मान्य होता है, लेकिन भारत में इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा।