बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से अपनी तैयारी शुरू कर दी है। नीतीश की निगाहें यूपी की उन 12 लोकसभा सीटों पर है जहां कुर्मी वोटर ज्यादा हैं। इस वोट बैंक को साधने के लिए अब जनता दल (यूनाइटेड) की तरफ से उनकी रैलियों का खाका तैयार किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो नीतीश कुमार वाराणसी, गारेखपुर, आजमगढ़ और प्रयागराज में जल्द ही अपनी रैलियां शुरू करेंगे।

कुछ महीने पहले ही यूपी की जनता दल (यूनाइटेड) यूनिट के नेताओं ने पटना में पार्टी के शीर्ष नेता और बिहार के ओबीसी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी और उनसे यूपी के फूलपुर से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने का आग्रह किया था।

जेडीयू के सूत्रों की माने तो नीतीश कुमार नए साल के पहले सप्ताह में इन इलाकों में अपनी रैलियां शुरू करेंगे। रैलियों के पीछे पार्टी की सोच है कि नीतीश कुमार के यूपी से लड़ने की अटकलों को जिंदा रखा जाए।

जद (यू) महासचिव केसी त्यागी कहते हैं कि, “हाल के विधानसभा चुनावों के बाद किसी भी पार्टी को अब यह भ्रम नहीं होना चाहिए कि वह एकमात्र पार्टी है जो भाजपा को हराना चाहती है क्योंकि अन्य भी सक्षम हैं।”

जेडीयू नेताओं की माने तो नीतीश कुमार की यूपी रैलियां एक तरफ जहां बीजेपी के लिए खतरे की घंटी होगी वहीं दूसरी ओर INDIA गठबंधन के प्रमुख सहयोगियों कांग्रेस और सपा मुखिया अखिलेश यादव के लिए भी बड़ा अलर्ट होगा।

त्यागी ने कहा कि, यूपी में हमारी कोशिश रहेगी कि हमारी रैलियों से सहयोगियों को ज्यादा परेशानी न होने पाए। रैलियां बड़े पैमाने पर जेडी (यू) के मंच पर होंगी क्योंकि जब जनता दल एकजुट था तब यूपी में हमारी मौजूदगी थी। इसलिए, यूपी में हमारी स्थानीय इकाई की सलाह पर, हमने पूर्वी यूपी में कुछ गतिविधियां शुरू की हैं। त्यागी ने कहा, गठबंधन की कुछ संयुक्त रैलियां हो सकती हैं लेकिन विपक्षी गठबंधन का मतलब यह नहीं है कि पार्टियां अपना काम करना बंद कर देंगी।

दरअसल, नीतीश कुमार सबसे बड़े गैर-यादव ओबीसी समूहों में से एक कुर्मी समुदाय से आते हैं। यूपी में बीजेपी के पास अनुप्रिया पटेल के तौर पर सहयेागी के तौर पर एक कुर्मी लीडर है।

नके अलावा बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में योगी सरकार में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह कुर्मी समाज से आते हैं। हालांकि इन नेताओं का पूर्वांचल में ज्यादा जनाधार नहीं है। यूपी में कुर्मी समुदाय लगभग 8 प्रतिशत है जो राज्य की लगभग 12 लोकसभा सीटों पर नतीजों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।

इस बीच नीतीश कुमार की रैलियों को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि हम नीतीश कुमार की रैलियों के बारे में कुछ नहीं कह सकते। लोकसभा चुनाव की रणनीति केंद्रीय स्तर से तय होती है और वहां की लीडरशिप ही इस बारे में कुछ बता सकती है।

 

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