यमुनोत्री एनएच पर निर्माणाधीन सुरंग में हुए भूस्खलन के 7वें दिन शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय के उपसचिव मंगेश घिल्डियाल और प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार और उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे ने घटनास्थल का मुआयना किया।
बचाव अभियान की रणनीति को लेकर आयोजित एक विशेष बैठक में हुए विचार-विमर्श के बाद उन्होंने घोषणा की कि सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए रेसक्यू ऑपरेेशन अब पांच मोर्चों पर चलेगा।
सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूर बीते 7 दिनों से मौत से लड़ रहे हैं और बाहर उन्हें बचाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है। रेस्क्यू ऑपरेेशन युद्धस्तर पर जारी है।
खुल्बे ने कहा, “फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए सुरंग के दाएं व बाएं हिस्से में इस्केप टनल बनाया जाया जाएगा और सुरंग के ऊपर की पहाड़ी से वर्टिकल ड्रिलिंग की जाएगी। करने और सुरंग के पोलगांव वाले हिस्से की तरफ से भी टनल बनाने का काम शुरू हो गया है।”
खुल्बे शनिवार को पूर्वाह्न लगभग 11 बजे हेलीकॉप्टर से पीएमओ के अधिकारियों की टीम के साथ सिलक्यारा सुरंग के पास उतरे। उन्होंने एनएचआईडीसीएल के उच्चाधिकारियों व विशेषज्ञों की टीम के साथ बातचीत की। उसके बाद सुरंग के भीतर जाकर घटनास्थल का जायजा लिया और रेस्क्यू अभियान के लिए केंद्र सरकार के द्वारा तैनात किए गए अधिकारियों और टनल के निर्माणकर्ता भारत सरकार के उपक्रम एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों से इस हादसे और रेसक्यू अभियान के बारे में जानकारी ली।
पीएमओ के उपसचिव मंगेश घिल्डियाल व पीएम के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने सुरंग के ऊपर की पहाड़ी के शीर्ष पर जाकर इस्केप पैसेज बनाने के लिए विशेषज्ञों द्वारा चिन्हित स्थलों का निरीक्षण किया। उन्होंने सुरंग परियोजना व रेस्क्यू अभियान से जुड़े अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक की, जिसमें रेस्क्यू ऑपरेेशन के विभिन्न विकल्पों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में लिए गए निर्णयों पर तत्काल अमल शुरू किया गया।
घिल्डियाल ने सुरंग में फंसे मजदूरों की जीवनरेखा बनी पाइपलाइन के जरिए अंदर फंसे मजदूरों तक पोषक फूड सप्लीमेंट, ओआरएस भिजवाईं। उन्होंने मजदूरों के परिजनों को भरोसा दिलाया कि अंदर फंसे सभी लोगों को जल्द सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा।
इस दौरान उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, सुरंग से मजदूरों को निकालने के रेस्क्यू अभियान के लीडर कर्नल दीपक पाटिल और एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलको भी मौजूद रहे।
रूहेला ने कहा कि विभिन्न टेलीकॉम एजेंसियों को सिलक्यारा में संचार सुविधाएं बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि टेलीकॉम एजेंसियों ने टाॅवर्स व अन्य उपकरणों की स्थापना का काम शुरू कर दिया है। जिले का आपदा प्रबंधन केंद्र भी रेस्क्यू ऑपरेेशन में लगातार सहयोग कर रहा है।