किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने रविवार को बताया कि जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर हैं और लगातार उनकी तबीयत बिगड़ रही है।

शंभू बॉर्डर पर देश के सभी नेताओं के साथ चर्चा के बाद दोनों मंचों ने फैसला लिया है कि हम जरूरी सामान लेकर शांतिपूर्वक पैदल ही दिल्ली की ओर बढ़ेंगे।

सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि अगर सरकार हमें जाने देती है तो अंबाला के अलावा कुछ जगहों पर जत्था ठहराव करेगा। सर्दी का मौसम है और ठंड भी बहुत ज्यादा होगी। हम लोगों ने सब अब हरियाणा की जनता पर छोड़ दिया है।

हरियाणा के कृषि मंत्री ने एक बयान दिया था कि अगर किसान पैदल आना चाहते हैं तो उन्हें कोई एतराज नहीं है। हम चाहते हैं कि सरकार अब अपने बयान पर कायम रहे। हम लोगों ने अपने जत्थे का नाम (मरजीवादीयां दा जत्था) रखा है। अगर सरकार हमें रोकती है तो हम देश के व्यापारियों, ट्रांसपोर्टर के साथ पंजाब-हरियाणा के लोगों को यह संदेश देना चाहेंगे कि इन लोगों ने हमें 10 महीने से रोके रखा था और आज भी रोक रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रवक्ता लगातार टीवी डिबेट में झूठ बोलने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि हम लोग कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग नहीं करेंगे। देश की मोदी सरकार किसान मजदूरों से बात नहीं करना चाहती है। अगर वह ठोस प्रपोजल लाते हैं तो सुखद हल निकल सकता है।

उन्होंने बताया कि पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर हैं और सूचना मिली है कि उनका पांच किलो कम हुआ है। उनकी सेहत बिगड़ रही है।

दिल्ली कूच के लिए पहले जत्थे में कितने लोग जाएंगे, उनकी लिस्ट जल्द ही जारी की जाएगी। पहले जत्थे में सभी किसान यूनियन के लीडर ही होंगे।

उल्लेखनीय है कि 18 नवंबर को सरवन सिंह पंढेर ने बताया था कि 26 नवंबर को जगजीत सिंह डल्लेवाल खनौरी बॉर्डर पर अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करेंगे।

अनशन के 10 दिन बाद 6 दिसंबर को हम जत्थों के साथ दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। हमारे साथ कोई भी वाहन नहीं होगा। इस साल 18 फरवरी के बाद से केंद्र सरकार से हमारी कोई बातचीत नहीं हो पाई है। अगर सरकार बातचीत कर कुछ रास्ता निकालेगी, तो यह सुखद होगा।

 

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