जिले में 50 वर्ष पहले हुए 1200 रुपये के गबन मामले में अब फैसला आया है। बिसौली की साधन सहकारी समिति लिमिटेड पर सचिव रहे पोशाकी लाल पर 1200 रुपये के गबन में लगभग 50 साल पहले रिपोर्ट दर्ज की गई थी। शुक्रवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम रिचा शर्मा ने मुकदमा का निस्तारण किया। पोशाकी लाल को साक्ष्य व संदेह के आधार पर तत्कालीन सचिव को दोषमुक्त कर दिया गया है। न्याय पाने के लिए सचिव को 50 साल की लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 1974 में बिसौली की साधन सहकारी समिति के एडीओ ने पुलिस को शिकायती पत्र दिया था। कहा कि उन्होंने 22 जून 1973 को पूर्वी साधन सहकारी समिति लिमिटेड जाकर मामले की जांच की थी। उस दौरान कोतवाली बिसौली क्षेत्र के गांव चंदपुरा निवासी पोशाकी लाल समिति के सचिव थे। समिति के राजस्व अंकन में 1200 रुपये कम मिले थे।
जांच में बताया गया कि 1200 रुपये 22 जून 1973 सहकारी बैंक की बिसौली शाखा में जमा कराए गए हैं लेकिन समिति के पास बैंक की रसीद या बाउचर नहीं था। जांच की तो पता लगा कि रुपये जमा नहीं कराए गए थे। जांच में पाया गया कि समिति के सचिव पोशाकी लाल ने समिति के 1200 रुपये का गबन कर लिया है। कोतवाली बिसौली पुलिस ने विवेचना करने के बाद आरोपी के खिलाफ चार्जशीट लगाई। जिसके बाद लगभग 50 साल से मामला कोर्ट में विचाराधीन चल रहा था। कोर्ट ने 14 गवाहों के बयान दर्ज किए। लंबी बहस चली। अभियोजन पक्ष मुकदमा साबित नहीं कर सका।