उत्तर प्रदेश के कानपुर में साइबर हैकर ने डिजिटल फर्जी सिग्नेचर बनाकर एक करोड़ 7 लाख रुपए की धनराशि ट्रांसफर कर ली। यह रकम 196 अपात्र श्रमिकों के खाते में ट्रांसफर की गई थी। क्राइम ब्रांच ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनमें एक प्रेमी युगल भी शामिल है। डीसीपी क्राइम ने बताया कि मुख्य आरोपी की श्रम विभाग में अच्छी पैठ थी और कर्मचारी उसकी मदद लेते थे । जिससे मुख्य आरोपी श्रम विभाग के पोर्टल के विषय में पूरी जानकारी प्राप्त कर ली और उसने घटना को अंजाम दिया। पकड़े गए अभी बिट्टू के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने घटना का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि श्रम विभाग कार्यालय के कर्मचारी उदित मिश्रा को अपनी मदद के लिए बुलाते थे। जो श्रम विभाग की साइट पर भी काम करता था। जिससे उसे साइट की कमियों के विषय में भी पता था। जिसका उसने लाभ उठाया। जो अपना एक कॉल सेंटर भी सचेती चलता है।
आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि विनय तिवारी ने ट्रेजरी ऑफिसर के फर्जी डिजिटल सिग्नेचर को तैयार किया। जिसके माध्यम से डीएलसी और लेबर कमिश्नर के सिग्नेचर को बाईपास किया गया। पोर्टल में यह सुविधा उपलब्ध है कि ट्रेजरी ऑफिसर के सिग्नेचर के बाद डीएलसी और लेबर कमिश्नर के सिग्नेचर को बाईपास किया जा सकता है।
इस प्रकार उदित मिश्रा ने फर्जी तरीके से 196 खातों में पैसा ट्रांसफर किया। प्रत्येक लाभार्थी को 55 हजार रुपए की मदद मिलती है। इसमें उसने अपने भाई को भी शामिल किया। जिसमें 65 लाख रुपए पहले ही फ्रीज कर दिया गया था। 18 लाख रुपये एक और फ्रीज कराया गया है। इसके अतिरिक्त कार, ज्वेलरी सहित अन्य सामग्री भी बरामद की गई है।
उन्होंने बताया कि सहारनपुर में सीएससी चलाने वाले रोहित कुमार की आईडी से यह कार्य किया गया है। जिसकी सीएससी आईडी को भी हैक कर लिया गया था। इसके बाद यह पैसा स्थानांतरण किया गया है। पूरे घटनाक्रम में एक महिला भी शामिल है जो मुख्य आरोपी उदित मिश्रा की प्रेमिका नैंसी ठाकुर है। दोनों सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे के संपर्क में आए थे।
गिरफ्तार अभियुक्तों में उदित मिश्रा और अंकित मिश्रा पुत्रगण सुनील मिश्रा निवासी सजेती कानपुर, नैंसी ठाकुर पुत्री गोविंद ठाकुर निवासी वीर सावरकर नगर फेस टू एमआईडीसी एरिया बुटीबोरी नागपुर महाराष्ट्र, मोहम्मद यासीन पुत्र खुर्शीद अली निवासी वसीदपुर डिग्री मौजपुर मुरादाबाद, ललित कश्यप पुत्र तुलसीराम निवासी अंबेडकर नगर मुरादाबाद, विनय दीक्षित पुत्र रामनिवास दीक्षित निवासी सीतापुर शामिल है। जिन्हें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ गिरफ्तार किया गया है। जांच में श्रम विभाग की मिलीगत मिली भगत की जानकारी नहीं हुई है। लेकिन उनकी लापरवाही जरूर है। गिरफ्तार करने वाली टीम को एक लाख रुपए से पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है।