उत्तर प्रदेश के झांसी से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां पर काम के दबाव के चलते झांसी में रहने वाले 42 साल के तरुण सक्सेना ने अपनी जान दे दी। तरुण बजाज फाइनेंस में एरिया मैनेजर के तौर पर काम करते थे। वह अपने सीनियर्स के रवैए और वर्क प्रेशर को लेकर बहुत परेशान थे। टारगेट पूरा ना कर पाने की वजह से उनके सीनियर उन्हें लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। सैलरी काटने की धमकी देते थे। जो वसूली नहीं हो पा रही थी, कंपनी उसे चुकाने का दबाव उनपर डाल रही थी। कोई उनकी बात नहीं सुन रहा था, उन्हें नौकरी से निकाले जाने का डर था। इसी के चलते वह काफी स्ट्रेस में थे और उन्होंने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।

जानकारी के मुताबिक, तरुण सक्सेना जनपद में नवाबाद थाना क्षेत्र के गुमनावरा पिछोर के रहने वाले थे। वह फाइनेंस कंपनी में एरिया मैनेजर के पद पर थे। उनकी एक बेटी और एक बेटा है। उनके पिता मेडिकल कॉलेज से रिटायर्ड क्लर्क हैं। सुबह जब घर पर काम करने वाली नौकरानी आई तो उसने एक कमरे में तरुण को फांसी पर लटका देखा। जबकि पत्नी और बच्चे दूसरे कमरे थे और उनके कमरे की बाहर से कुंडी लगी थी। नौकरानी ने शोर मचाते हुए पास में रहने वाले भाई को सूचना दी। उन्होंने आकर दूसरे कमरे में बंद पत्नी और बच्चों को बाहर निकाला। इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। पुलिस को वहां से पांच पन्नों का सुसाइड नोट भी मिला। जिसमें तरुण ने अपने मरने की वजह बताई।

सुसाइड नोट में ये लिखा…
पूरी कोशिश करने के  बावजूद भी वह टारगेट पूरे नहीं कर पा रहा  है, जिसकी वजह से वह बेहद तनाव में हैं। उसे चिंता थी कि कहीं उसकी नौकरी ना चली जाए।उसने लिखा है कि उनके सीनियर अधिकारियों ने उनका कई बार अपमान किया है। उसने लिखा है, ‘मैं भविष्य को लेकर बहुत तनाव में हूं, मैं कुछ भी नहीं कर पा रहा हूं। मैं जा रहा हूं…’ तरुण ने कहा है कि उन्हें और उनके सहयोगियों को उन ईएमआई का भुगतान करने के लिए कहा गया था जो वे अपने एरिया में वसूल नहीं कर सके थे। रिकवरी में आ रही दिक्कतों को उन्होंने बार-बार अपने सीनियर्स के सामने उठाया, लेकिन वे उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थे। सुसाइड नोट में लिखा है, “मैं 45 दिनों से सोया नहीं हूं…मैंने मुश्किल से खाना खाया है, मैं बहुत तनाव में हूं। सीनियर मैनेजर मुझ पर किसी तरह टारगेट पूरा करने या नौकरी छोड़ने का दबाव बना रहे हैं।” उन्होंने कहा, “आप सभी मेघा, यथार्थ और पीहू का ख्याल रखें। मम्मी, पापा, मैंने कभी कुछ नहीं मांगा, लेकिन अब मांग रहा हूं…कृपया दूसरी मंजिल बनवा दीजिए ताकि मेरा परिवार आराम से रह सके।” उन्होंने अपने बच्चों से अच्छे से पढ़ाई करने और अपनी मां का ख्याल रखने को कहा।

सुसाइड नोट और परिजनों के मुताबिक, तरुण काम को लेकर काफी दबाव में था। सुसाइड नोट में आरोप है कि  फाइनेंस कंपनी के अधिकारी लगातार तरुण पर रिकवरी कराने का दबाव बना रहे थे। उसे अपनी नौकरी जाने का डर सता रहा था। टारगेट पूरा न करने पर उसे धमकाया जा रहा था. जिस कारण वह दो महीने से ज्यादा परेशान रहता था। जिसके बारे में उसने परिवार को भी जानकारी दी थी। आत्महत्या करने से पहले तरुण की कंपनी के अधिकारियों से मीटिंग भी हुई थी, उस दौरान ऐसा क्या हुआ जिससे उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं। वहीं, परिजनों का कहना है कि उन पर दबाव बनाया जा रहा था कि मार्केट में जो कलेक्शन होना है उसे ज्यादा से ज्यादा लाइए. टारगेट पूरा न होने पर उनकी सैलरी से ही पैसा काटा गया है। तरुण के भाई गौरव सक्सेना का कहना कि मेरे भाई को सुसाइड के लिए उकसाया गया है। फिलहाल, पुलिस इस मामले में जांच पड़ताल कर आगे की कार्रवाई कर रही है।

 

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights