ब्रिटेन की एक अदालत ने वर्जीनिया मैक्कुलो नामक महिला को अपने माता-पिता की हत्या करने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने यह आदेश दिया है कि उसे अगले 36 वर्षों तक पेरोल पर रिहाई नहीं मिलेगी। इस मामले ने सभी को चौंका दिया है, जब यह पता चला कि वर्जीनिया ने चार साल तक अपने माता-पिता की लाशों के साथ एक ही घर में रहना चुना।

वर्जीनिया ने अपने माता-पिता की हत्या 2019 में की थी। चेम्सफोर्ड क्राउन कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाते हुए कहा कि इस घिनौने कृत्य ने माता-पिता और बच्चों के बीच विश्वास को पूरी तरह से तोड़ दिया है। जज जेरेमी जॉनसन ने इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि वर्जीनिया के द्वारा की गई वारदात ने पारिवारिक संबंधों को नुकसान पहुंचाया है।

पिछले साल सितंबर में, जब पुलिस ने वर्जीनिया के घर पर छापा मारा, तो उन्हें दो लाशें मिलीं। वर्जीनिया ने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल किया। उसने बताया कि उसने अपने 70 वर्षीय पिता जॉन मैक्कुलो को जहर देकर मार डाला। इसके अगले दिन, उसने अपनी मां पर हथौड़े से हमला किया और फिर चाकू से गोदकर उनकी हत्या कर दी।
वर्जीनिया ने पिता की लाश को पत्थरों से बने एक मकबरे में रखा और मां के शव को स्लीपिंग बैग में लपेटकर अलमारी में छिपा दिया। उसने पुलिस को वह हथौड़ा और चाकू भी दिए, जिनसे उसने अपनी मां की हत्या की थी।

वर्जीनिया ने अपने माता-पिता के क्रेडिट कार्ड पर काफी कर्ज चढ़ा लिया था और उनकी पेंशन के पैसों से ऐश कर रही थी। जब परिवार या दोस्त उससे उसके माता-पिता के बारे में पूछते, तो वह उन्हें बताती कि उसके माता-पिता बीमार हैं या कहीं घूमने गए हैं।

यह मामला न केवल हत्या के मामले में गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि पारिवारिक संबंधों की बुनियादी नींव पर भी सवाल उठाता है।

 

 

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