उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले की एक अदालत ने 31 साल पुराने हत्या के मामले में तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के वकील ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमार श्रीवास्तव ने बृहस्पतिवार को किशुन यादव (60), मूलचंद यादव (56) और राम नारायण यादव (66) को सभापति चौबे नामक युवक की हत्या का दोषी पाया।

वकील ने बताया कि लंबे समय से चले आ रहे विवाद के कारण 10 जुलाई 1993 को चौबे की हत्या कर दी गई थी। अदालत ने आजीवन कारावास की सजा के अलावा प्रत्येक दोषी पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। जिला अभियोजन अधिकारी संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि न्यायाधीश ने कहा कि अगर दोषी जुर्माना अदा करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें छह महीने की अतिरिक्त सजा होगी। उन्होंने बताया कि मामला मूल रूप से यहां परसामलिक थाने में दर्ज किया गया था और मुकदमे के दौरान 11 गवाहों से पूछताछ की गई थी। मिश्रा ने कहा कि फैसले के समय तीनों दोषी अदालत में मौजूद थे और बाद में उन्हें जेल ले जाने के लिए हिरासत में लिया गया।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में IIT की एसोसिएट प्रोफेसर ने आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है। इसकी जानकारी होते ही पड़ोसियों ने पुलिस को बुलाया। सूचना मिलते पुलिस मौके पर पहुंची और प्रोफेसर को फंदे से लटका हुआ देखा। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और एक सुसाइड नोट बरामद किया। इस नोट में लिखा तो कि उनकी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है, मैं साइको हूं…इसलिए जिंदगी खत्म करने का तय किया है।”

 

 

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