प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी परिसर में सर्वे कराये जाने के मामले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने एएसआई टीम को 31 जुलाई तक सर्वे पूरा करने की अनुमति दी है। साथ ही सर्वे पर लगाई गई रोक से इंकार कर दिया है। हालांकि हाईकोर्ट में कल भी सुनवाई होगी, सर्वे कल नहीं शुरू होगा। शुक्रवार से सर्वे का काम शुरू किया जाएगा। कोर्ट ने हिदायत भी दी है कि इमारत को कोई नुक़सान नहीं होना चाहिए। बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए सर्वे पर दो दिन की रोक लगाई थी। 26 जुलाई यानी कि आज शाम 5 बजे तक की रोक लगाई थी।

इस मामले में दाखिल अंजुमने इंतजामिया कमेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के वैज्ञानिक को बुधवार शाम साढ़े 4 बजे तलब किया है। मुख्य न्यायधीश प्रीतिंकर दिवाकर की अदालत एएसआई से यह स्पष्ट करना चाहती है कि सर्वे के दौरान क्या कोई क्षति हो सकती है। कोर्ट इस मामले में एएसआई से उस विधि को जानना चाहती है, जिसके जरिए एएसआई सर्वे कर रही है। कोर्ट सर्वे सिस्टम का डेमो भी देखेगी। इसके पहले सुनवाई के दौरान मस्जिद पक्ष की ओर से कहा गया कि सर्वे से संरचना को क्षति हो सकती है।

जिला जज को सर्वे कराए जाने का अधिकार नही है। यह आदेश गलत है जिसके जवाब में मंदिर पक्ष की ओर से जवाब दिया गया कि सर्वे के बाद ही मंदिर के स्ट्रकचर का सही पता चल सकता है। एएसआई दो तकनीकों के माध्यम से सर्वे कर रही है। उसमे फोटोग्राफी, इमैजिंग करेगी। किसी तरह की क्षति नही होगी। इस पर कोर्ट ने सर्वे का डेमो जानना चाहा और सर्वे में लगे एएसआई के साइंटिस्ट को साढे चार बजे तलब किया है।

 

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