बिहार के ऊर्जा विभाग के सचिव एवं बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) पंकज कुमार पाल ने मीटरिंग एजेंसियों को निर्देशित किया है कि 31 दिसंबर तक सभी सरकारी भवनों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर अनिवार्य रूप से इंस्टॉल किए जायें।
पाल ने शनिवार को राजस्व संग्रहण और स्मार्ट प्रीपेड मीटर इंस्टॉलेशन कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे, मुख्यालय के वरीय अधिकारी, सभी सकिर्ल एवं डिवीजन के अधीक्षण और कार्यपालक अभियंता तथा मीटरिंग एजेंसियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस अवसर पर पाल ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि उपभोक्ताओं के साथ लगातार संपर्क बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है, जिससे वे समय पर बिजली बिल जमा करें और बिजली से संबंधित उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं तक पहुंचने के लिए नियमित रूप से माइकिंग, कॉलिंग और घर-घर जाकर उनकी समस्याओं का समाधान करना अनिवार्य है। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को उनके बैलेंस शून्य होने की स्थिति में तत्काल रिचार्ज करने के लिये जागरूक करना और उन्हें मोबाइल ऐप डाउनलोड कराकर उसका उपयोग करना सिखाना भी जरूरी है।
पाल ने मीटरिंग एजेंसियों को निर्देशित किया कि 31 दिसंबर तक सभी सरकारी भवनों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर अनिवार्य रूप से इंस्टॉल किए जाएं। उन्होंने कई स्थानों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटरों के खराब होने की शिकायतों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे न केवल उपभोक्ताओं को असुविधा हो रही है, बल्कि वितरण कंपनियों को राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। उन्होंने विशेष रूप से सिक्योर मीटर्स और इंटेलिस्मार्ट जैसी एजेंसियों के खराब प्रदर्शन पर कड़ी चेतावनी देते हुए अपने कार्यबल को बढ़ाकर लक्ष्य समय पर पूरा करने का निर्देश दिया। साथ ही, सभी एजेंसियों को 15 जनवरी 2025 तक खराब मीटरों को अनिवार्य रूप से बदलने के निर्देश दिए गए।
बैठक में विभिन्न अंचल और प्रमंडल अधिकारियों ने राजस्व संग्रहण में आ रही चुनौतियों को साझा किया। पाल ने अधिकारियों को राजस्व संग्रहण की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए उपभोक्ताओं के साथ निरंतर संवाद स्थापित करने और उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) गतिविधियों को और तेज किया जाए ताकि उपभोक्ताओं में जागरूकता बढ़ाई जा सके।