उपभोक्ता परिषद की मेहनत रंग लाई प्रदेश में पूरे तीन साल के बाद बिजली उपभोक्ताओं को मुआवजा कानून लागू करने का आदेश चेयरमैन पावर कारपोरेशन ने जारी कर दिया। उप्र विद्युत नियामक आयोग के माध्यम से विद्युत उपभोक्ताओं के लिये नया स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन 2019 में जारी किया गया था।
सुबह से ही हुआ लागू
विद्युत नियामक आयोग ने कड़ा रुख अख्तियार अपनाया तो विवश होकर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने आज मुआवजा कानून पूरे प्रदेश के लिए ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से लागू कर दिया है। उपभोक्ता परिषद आज सुबह ही इस कानून को लागू कराने के लिए प्रबंधन से मुलाकात कर चुका था। कानून लागू होने के तुरंत बाद उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आर पी सिंह का आभार व्यक्त किया ।
अध्यक्ष ने मुआवजा कानून की दी जानकारी
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने प्रदेश के उपभोक्ताओं को बताया कि पहले वह 1912 पर अपनी कोई भी समस्या की शिकायत करेंगे। जब तय समय पर उनकी समस्या का समाधान नहीं होगा। तो उनको फिर 1912 पर ही मुआवजा के लिए अपनी शिकायत करना होगा। उसके बाद उन्हें एक मुआवजा का अलग कंप्लेंट नंबर मिलेगा और फिर उनका मुआवजा प्रक्रिया स्वतः ऑनलाइन शुरू हो जाएगी। इतनी प्रक्रिया के बाद उपभोक्ता मुआवजा का हकदार होगा।
बकायेदारों को नहीं मिलेगी सुविधा
उपभोक्ता को उनके बिजली के बिल में मुआवजा का भुगतान भी किया जाना है ऐसी ऑनलाइन सॉफ्टवेयर की व्यवस्था पावर कारपोरेशन ने तैयार की है । लेकिन बकायेदार उपभोक्ताओं को भी मुआवजा का लाभ नहीं मिलेगा।
ब्रेक डाउन,ट्रांसफार्मर, नया कनेक्शन, मीटर रीडिंग की समस्या से मिलेगा समाधा
उत्तर प्रदेश पावर काररेशन के अध्यक्ष एम देवराज की तरफ से मुआवजा कानून लागू करने संबंधी आदेश जारी कर दिया गया है, अब उत्तर प्रदेश में मुआवजा कानून लागू हो गया है। विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं जैसे ब्रेक डाउन, केबिल फाल्ट, ट्रांसफार्मर, नया कनेक्शन, मीटर रीडिंग, लोड घटना बढ़ाना व अन्य मामले जिनके लिये नये कानून में एक नियत समय तय है। उसके बावजूद भी विद्युत उपभोक्ताओं को तय समय में सेवाएं नहीं दी जाती ।अब मुआवजा देना होगा।उपभोक्ताओं को अधिकतम 60 दिन में मुआवजा मिल जायेगा।
जानिए किस व्यवधान पर कितना मुआवजा
आयोग के माध्यम से जारी कानून में उपभोक्ता को एक वित्तीय वर्ष में उसके फिक्स चार्ज, डिमांड चार्ज के 30 प्रतिशत से अधिक का मुआवजा नहीं दिया जायेगा। उदाहरण के तौर पर जैसे 1 किलोवाट का उपभोक्ता यदि महीने में रू0 100 प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज देता है तो उसका पूरे साल का फिक्स चार्ज 1200 रुपये हुआ तो उसे अधिकतम एक वित्तीय वर्ष में 360 रुपये का मुआवजा ही मिलेगा।
उपभोक्ता समस्या दोष के मामले में मुआवजा
1 अंडरग्राउंड केबल ब्रेकडाउन रू0 100 प्रतिदिन
2 सब-स्टेशन का निर्माण बाधित होने की स्थिति में वोल्टेज विचलन रू0 250 प्रतिदिन
3 नया कनेक्शन वितरण मेन्स उपलब्धता पर रू0 50 प्रतिदिन
4 मीटर रीडिंग के मामले रू0 200 प्रतिदिन
5 डिफेक्टिव मीटर / सामान्य फ्यूज ऑफ रू0 50 प्रतिदिन
6 बिलिंग शिकायत/भार में कमी/आधिक्य रू0 50 प्रतिदिन
7 श्रेणी परिवर्तन रू0 50 प्रतिदिन
8 ट्रांसफार्मर फेल ग्रामीण रू0 150 प्रतिदिन
9 अस्थायी कनेक्शन का निर्गमन रू0 100 प्रतिदिन
10 विद्युत आपूर्ति बढ़ाने के लिए सब स्टेशन की स्थापना रू0 500 प्रतिदिन
11 काल सेन्टर के माध्यम से रिस्पॉन्स न दिया जाना रू0 50 प्रतिदिन
12 फर्जी अवशेषों को आगे ले जाना रू0 100 प्रति चक्र 

नया कनेक्शन/अतिरिक्त भार जहॉं आपूर्ति नेटवर्क विस्तार रू0 250 प्रति दिन
ओवरहेड लाइन,केबल ब्रेकडाउन रू0 100 प्रति दिन
उपभोक्ता विनिमय के अनुसार मासिक आधार पर घोषित आपूर्ति प्रथम श्रेणी शहर रू0 20 प्रति किलोवाट। शहरी रू0 20 प्रति किलोवाट ग्रामीण रू0 10 प्रति किलोवाट सेवा क्षेत्र देय मुआवजा प्रति बिल चक्र के अनुसार।

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