प्रिय पाठकों,

01 नवम्बर 2007 में जग चर्चा ग्रुप के संस्थापक स्व. डा.सत्यप्रकाश शर्मा की अगुवाई में जब दैनिक मुदगल टाइम्स का प्रकाशन शुरू हो रहा था उस वक्त मेरे पास सिर्फ साहस था, लेकिन मेरे देवतुल्य पिताश्री के फौलादी इरादे व आप पाठकों के विश्वास की ताकत ने मुदगल टाइम्स को ऊंचाइयों के नए आयाम को हासिल करने का रास्ता दिखाया। मुदगल टाइम्स के संस्थापक संरक्षक मेरे पिताश्री डा.सत्यप्रकाश शर्मा के बिना यह 17 वॉ स्थापना दिवस सही मायने में बडी सफलताओं के बावजूद बेरंग है। गत 03 सितम्बर 2023 को ही पिताश्री के देवलोक गमन के बाद शोक में डूबा मुदगल टाइम्स परिवार अभी उबर नही पाया है लेकिन पिता श्री के लिये हमेशा प्राथमिकता में रहा दैनिक मुदगल टाइम्स निरन्तर पाठको की कसौटी पर खरा उतरने के साथ उन्हे सच्ची श्रद्धांजलि  दे रहा है।

मुदगल टाइम्स की बडी ताकत उसका पाठक वर्ग है। हमने अपने पाठकों के हित को सर्वोपरि रखते हुए 16 वर्ष का सफर पूर्ण किया है। मुझे उम्मीद ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि पाठकों के विश्वास रूपी ताकत मुदगल टाइम्स परिवार के साथ भविष्य में भी यूं ही बनी रहेगी। मुदगल टाइम्स परिवार उन सबका धन्यवाद करता है जिन्होंने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अच्छे और विषम समय में साथ दिया है।

आज दैनिक मुदगल टाइम्स अपने 16 वर्षो के सफल प्रकाशन के बाद 17 वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। 17 वें वर्ष का प्रथम अंक आपके हाथ मे है, समाचार पत्र के संस्थापक संरक्षक पिता श्री स्व. डा.सत्यप्रकाश शर्मा की कमी से आज मन बेहद उदास है लेकिन ईश्वर की होनी को कोई टाल नही सकता।

समाचार पत्र का 16 वर्षो का सफर काफी चुनोतियो से भरा रहा है,आप सभी साथियों स्नेही जनों के प्यार और आशीर्वाद के दम पर सभी बाधाओं से लड़ने की क्षमता मिली है। इलेक्ट्रानिक व सोशल मीडिया के फैलते साम्राज्य में प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता एवं भरोसे को कायम रखने के अपने संकल्प के साथ समाचार पत्र आज राष्ट्रीय राजधानी समेत तीन राज्यो में अपने 5 संस्करणों में ;दिल्ली, लखनऊ, नोएडा, मुजफ्फरनगर व देवभूमि हरिद्वार द्ध से प्रकाशित होकर निरंतर आगे बढ़ रहा है। साथ ही समाचार पत्र का ई-पेपर व पोर्टल के माध्यम से भी पाठको तक पंहुच रहा है।

सोशल मीडिया के बढते चलन में समाचार पत्रो को अपनी साख बचाये रखना व पाठको का विश्वास कायम रखना भी किसी चुनौती से कम नही। हमने इस चुनौती को स्वीकार किया और सोशल मीडिया की भ्रामक खबरो के बीच अपने पाठको तक सही एवं सकारात्मक खबरे पंहुचाने के अपने उददेश्य को हमेशा पूरा किया है।

01 नवंबर 2007 को शुरू हुए इस सफर में 16 वर्ष खटटी मीठी यादों के साथ बीत गए लेकिन हां इन वर्षों में जब भी किसी परेशानी का सामना हुआ तो मेरे लिए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ व्यक्तित्व यानी मेरे पिता डा. सत्यप्रकाश शर्मा का हाथ मेरे सिर पर हमेशा नजर आया और हर एक परेशानी का हल आसानी से हो पाया। मुद्गल टाइम्स की स्थापना एवं इसकी निरन्तर उन्नति का पूरा श्रेय पूरी तरह मेरे पिता श्री एवं जगचर्चा गु्रप के संस्थापक व समाचार पत्र के संस्थापक व संरक्षक डा. सत्यप्रकाश शर्मा जी को ही जाता है। 17 वें वर्ष में प्रवेश से 2 माह पहले पिता जी का संसार को छोडकर चले जाना परिवार के लिये बडा आघात है जिसकी क्षतिपूर्ति सम्भव नही, पिता श्री के शेष कार्यो को प्राथमिकता में रखना और उन्हे गुणवत्ता पूर्वक पूरा करना ही मेंरे जीवन का उददेश्य व पिता जी को सच्ची श्र(ाजलि होगी।

समाचार पत्र के शुरूआती समय में इस चुनौती पूर्ण कार्य में आगे बढाने में मेरे लिये सदैव प्रातः वन्दनीय पूज्य माता जी स्व0 श्रीमति सावित्री देवी के अमूल्य योगदान एवं आर्शीवाद को मैं कभी नही भुला सकूंगा। उनके 14 अक्टूबर 2010 को हमें छोडकर स्वर्ग लोक चले जाने के बाद अब उनकी यादे मेरें लिये आत्मबल है और में अपनी पूरी सार्म्थ्य के साथ उनके बताये रास्तों एवं आर्दशो पर चलने का प्रयास करता रहूंगां। मेरे बडे भाई एवं समाचार पत्र के प्रबंध सम्पादक सुधीर मुदगल का योगदान भी इस उन्नति में अमूल्य है। समाचार पत्र की उन्नति में सभी जिलो के प्रभारी से लेकर क्षेत्रीय संवाददाताओं, छायाकारों एवं तकनीकी सहयोगियों के साथ घर-घर तक पहुंचाने वाले हॉकरों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिन्होंने अपनी ओर से मुद्गल टाइम्स परिवार के सदस्य के रुप में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी।मुदगल टाइम्स परिवार की पूरी टीम के प्रयासो के बलबूते ही समाचार पत्र आज तीन राज्यो में पांच संस्करणो के रूप में पाठको तक पंहुच पाया है। समाचार पत्र की उन्नति में सहायक पूरी टीम और पाठको का में दिल से आभार व्यक्त करता हूं।

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