उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार (31 अक्टूबर) को जेल में बंद समाजवादी पार्टी नेता आजम खान के जौहर ट्रस्ट से कुछ सरकारी जमीन वापस लेने का फैसला किया है। यह फैसला सुबह 11 बजे लखनऊ के लोकभवन में योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। बैठक में एक दर्जन से अधिक प्रस्तावों पर चर्चा हुई जिसमें तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार द्वारा जौहर ट्रस्ट को आवंटित जमीन वापस लेने का मुद्दा भी शामिल था। तत्कालीन सपा सरकार के दौरान माध्यमिक शिक्षा विभाग की जमीन आजम खान के जोहट ट्रस्ट को 100 रुपये सालाना किराये पर आवंटित की गई थी।

बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने आरोप लगाया था कि सपा के कार्यकाल में आजम ने मुर्तजा विद्यालय की जमीन जौहर ट्रस्ट के नाम करा ली थी। जमीन पर समाजवादी पार्टी का कार्यालय बना हुआ था। इससे पहले पिछले महीने आयकर (आईटी) विभाग ने आजम खान के ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी अल जौहर ट्रस्ट मामले में की गई थी। यह छापेमारी रामपुर, लखनऊ, सहारनपुर, गाजियाबाद और सहारनपुर समेत राज्य के कई अन्य जिलों में की गई। पिछले दिनों रामपुर की एक अदालत ने समाजवादी पार्टी (सपा) नेता आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के पांच साल पुराने मामले में दोषी ठहराते हुए सात साल की सजा सुनाई थी।

जनवरी 2023 में खान ने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने खुद को “गरीबों का मसीहा” बताया था और सरकार पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया था। मानहानि मामले में पेश होने के लिए बांद्रा कोर्ट पहुंचे खान ने मीडिया से कहा कि वह निर्दोष हैं और सरकार “जानबूझकर उन्हें फंसा रही है।” खान ने कहा था, “मुझे परेशान करने के लिए सब कुछ किया जा रहा है, मैंने कोई अपराध नहीं किया है। अब तक पूंजीपतियों ने विश्वविद्यालय बनाए हैं। मैं एक गरीब आदमी हूं, मैंने एक विश्वविद्यालय बनाया जो अनाथों से फीस नहीं लेता।”

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