रक्षा मंत्रालय के मुताबिक उनके विभिन्न विभागों में कबाड़ व अप्रयुक्त वस्तुओं का निपटान करके 7.5 लाख वर्गफुट जगह खाली कराई गई है। 2,700 मीट्रिक टन कबाड़ अप्रयुक्त वस्तुओं का निपटान किया गया है। कबाड़ के निपटान से 20 करोड़ का राजस्व भी अर्जित हुआ है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक उनके विभिन्न विभागों में कबाड़ व अप्रयुक्त वस्तुओं का निपटान करके 7.5 लाख वर्गफुट जगह खाली कराई गई है। 2,700 मीट्रिक टन कबाड़ अप्रयुक्त वस्तुओं का निपटान किया गया है। कबाड़ के निपटान से 20 करोड़ का राजस्व भी अर्जित हुआ है।
रक्षा उत्पादन विभाग वर्तमान में विशेष अभियान 3.0 चला रहा है। इसमें रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) और उनके संबद्ध कार्यालयों में स्वच्छता पद्धतियों को शामिल करने पर ध्यान दिया गया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह स्वच्छता अभियान 3.0 देश भर में स्वच्छता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास का प्रतिनिधित्व करता है।
मंत्रालय का कहना है कि इस पहल में सभी डीपीएसयू और रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी) इकाइयां सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि अब तक, इस विभाग के संगठन तीसरे सप्ताह तक विशेष अभियान के अंतर्गत 746 स्वच्छता अभियान चला चुके हैं। इन प्रयासों को विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर भी व्यापक रूप से प्रचारित किया गया है। इसके अतिरिक्त, विभाग मौजूदा बैकलॉग में कमी लाने के लिए लगातार लंबित मामलों की समीक्षा कर रहा है।
अभियान के तीसरे सप्ताह के अंत में, रक्षा उत्पादन विभाग ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। इनमें 21,000 फाइलों या अभिलेखों और छंटनी के लिए अलग की गई फाइलों की समीक्षा की गई। कबाड़ व अप्रयुक्त वस्तुओं का निपटान करके 7.5 लाख वर्गफुट जगह खाली कराई गई। 2,700 मीट्रिक टन कबाड़ व अप्रयुक्त वस्तुओं का निपटान किया गया।
कबाड़ के निपटान से 20 करोड़ का राजस्व अर्जित हुआ। 153 लोक शिकायतों का निवारण किया गया। 52 लोक शिकायत अपीलों का निपटान किया गया।
मंत्रालय का कहना है कि विशिष्ट उद्देश्यों और सुदृढ़ निगरानी प्रणाली से युक्त विभाग विशेष अभियान 3.0 में निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए पूरे दिल से प्रयास कर रहा है। इस पहल की दिशा में हुई प्रगति की शीर्ष स्तर पर दैनिक आधार पर जांच की जाती है और डीएआरपीजी के एससीडीपीएम पोर्टल पर नवीनतम अपडेट अपलोड किए जाते हैं।
सोशल मीडिया, बैनर, पोस्टर और आकर्षक पेंटिंग प्रतियोगिताओं सहित कई माध्यमों से इस अभियान के बारे में सार्वजनिक जागरूकता फैलाई गई है। विशेष रूप से, डीपीएसयू और डीडीपी दोनों के द्वारा एक्स (पहले ट्विटर) पर 570 से अधिक ट्वीट साझा किए गए हैं।