इतिहास के पन्नों में 23 मार्चः शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले…
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में 23 मार्च वह तारीख है, जो दुख, गर्व और गुस्सा, तीनों तरह की भावना पैदा करती है। दुख, क्योंकि इसी रोज देश ने अपने तीन वीर सपूतों को खो दिया था। गर्व इसलिए, क्योंकि तीनों ने हंसते-हंसते भारत के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। गुस्सा इसलिए, क्योंकि यह तारीख याद दिलाती है कि ब्रितानी हुकूमत ने हम भारतीयों पर कितने अत्याचार किए। जिन वीरों की शहादत की स्मृति में कृतज्ञ राष्ट्र 23 मार्च को शहीद दिवस मनाता है, उनके नाम हैं- भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु। वैसे तो भारत की मिट्टी ने ऐसे अनगिनत जांबाज पैदा किए हैं, जिन्होंने निस्वार्थ अपना सब कुछ देश पर कुर्बान कर दिया। इसी शहादत को याद दिलाने वाली तारीख है 23 मार्च 1931 की। अंग्रेजों ने युवा भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दे दी थी।
इस शहादत पर जगदंबा प्रसाद मिश्र ‘हितैषी’ ने ‘शहीदों की चिताओं पर’ शीर्षक से एक कविता लिखी थी-उसकी पंक्तियों में प्रमुख है-शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरनेवालों का यही बाकी निशां होगा/कभी वह दिन भी आएगा जब अपना राज देखेंगे/जब अपनी ही जमीं होगी और अपना आसमां होगा। 12 नवंबर 1885 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में जन्मे ‘हितैषी’ द्विवेदी युग के प्रमुख कवि और सवैयों के बादशाह के रूप में लोकप्रिय हैं।
भगत सिंह सिर्फ 23 साल की आयु में देश की आजादी के लिए लड़ने वाले क्रांतिकारी आंदोलन का सबसे बड़ा चेहरा हैं। उनके क्रांतिकारी विचार आज भी रग-रग में जोश भर देते हैं। वे कहते थे- ”बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती, क्रांति की मशाल विचारों से जलती है।” सुखदेव थापर भी लाहौर षड्यंत्र केस के प्रमुख क्रांतिकारी हैं। उन्होंने न केवल आंदोलन को संगठित किया, बल्कि भारत के युवाओं में देशभक्ति की भावना जगाई। राजगुरु वीर योद्धा हैं। वह अंग्रेजों के खिलाफ हर मोर्चे पर डटे रहे। उन्होंने साबित किया कि ”मातृभूमि की सेवा सबसे बड़ा धर्म है।’ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में यह तीन नाम स्वर्णिम पन्नों में दर्ज हैं।
महत्वपूर्ण घटनाचक्र
1956ः दुनिया का पहला इस्लामिक गणतंत्र देश बना पाकिस्तान।
1965: पहली बार अंतरिक्ष यान जेमिनी-3 से नासा ने दो व्यक्तियों को अंतरिक्ष में भेजा।
1995ः रैनटो रूगीएरो विश्व व्यापार संगठन के पहले महानिदेशक नियुक्त। 1995ः भारत के विश्वनाथन आनंद ने प्रोफेशनल चेस एसोसिएशन कैंडीडेट्स के फाइनल शृंखला को जीता।
1996: ताइवान में पहली बार प्रत्यक्ष राष्ट्रपति चुनाव हुआ। इसमें ली तेंग हुई जीते।
1999ः पराग्वे के उपराष्ट्रपति पुई मारिया अरगाना की हत्या।
2001ः रूसी अंतरिक्ष स्टेशन मीर की जल समाधि।
2003ः दक्षिण अफ्रीका में वाडरर्स में विश्व कप क्रिकेट के फाइनल में आस्ट्रेलिया ने भारत को 125 रनों से हराकर विश्व कप पर कब्जा बरकरार रखा।
2006ः आस्ट्रेलिया ने तस्करी के आरोप में उत्तरी कोरिया के जहाज पोंस गू को डुबोया।
2007ः भारत विश्वकप क्रिकेट में श्रीलंका से हारा।
2008ः भारत ने जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल अग्नि-1 का सफल परीक्षण किया।
2008ः अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों राबर्ट वेनकेन और साइक फ़ोरमैन ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की मरम्मत के लिए अंतिम स्पेसवॉक किया। 2008ः नासा ने पृथ्वी से 7.5 अरब प्रकाश वर्ष की दूरी पर हुए एक अंतरिक्ष विस्फोट को देखा।
जन्म
1614ः मुगल बादशाह शाहजहां और मुमताज महल की सबसे बड़ी पुत्री जहांआरा।
1880ः भारत की स्वतंत्रता सेनानी बसंती देवी।
1910ः प्रखर समाजवादी चिंतक डॉ. राममनोहर लोहिया।
1976ः पूर्व टेलीविजन अभिनेत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता स्मृति ईरानी।
1987ः भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रानौत।
निधन
1965ः भारतीय स्वतंत्रता सेनानी सुहासिनी गांगुली।
1992ः भारत के पांचवें लोकसभा अध्यक्ष गुरदयाल सिंह ढिल्लों।
महत्वपूर्ण दिवस
-विश्व मौसम विज्ञान दिवस।
-शहीद दिवस। इसे भारत में हर साल भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की पुण्य स्मृति में मनाया जाता है। 23 मार्च 1931 को तीनों को अंग्रेजी हुकूमत ने लाहौर षड्यंत्र के आरोप में फांसी पर लटका दिया था।)
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