विश्व के जितने भी विकसित देश हैं कमोबेश वो खेलों में भी भारत से बहुत आगे हैं।

भारत जनसंख्या के मामले में अब दुनिया का सबसे बड़ा देश बन चुका है लेकिन दुनिया के सबसे बड़े खेल उत्सव ओलम्पिक का आयोजन अब तक भारत में ना होना कहीं न कहीं हमारी खेलों के प्रति खराब नीति को दर्शाता है या फिर यह बताता है कि भारत अभी उस स्थिति में नहीं है कि वो अपने दम पर ओलम्पिक जैसे खेलों का आयोजन कर सके, लेकिन अब शायद ओलम्पिक मेजबानी का सपना हूरा होने वाला है। सितम्बर माह में इंटरनेशनल ओलम्पिक कमिटी की बैठक मुंबई में होने वाली है। भारत के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर उस बैठक में शिरकत करेंगे। सब कुछ योजना के मुताबिक़ होता रहा तो संभव है कि भारत 2036 में ओलम्पिक खेलों की मेजबानी करेगा।

भारत विकाशील देशों की श्रेणी में है। इसके जैसे सैकड़ों देश भी विकासशील की श्रेणी में हैं। दुनिया के सभी विकसित देशों ने अपने आपको अन्य मामलों में तो आगे बढ़ाया ही है साथ ही साथ उन्होंने खेलों में भी परचम लहराया है। यानि उन्होंने अपने-अपने देशों में खेल को भी उतनी ही प्राथमिकता दी है जितना की अन्य मामलों को दिया है। अब तक जितने भी ओलम्पिक के आयोजन हुए हैं उनमें 2008 के आयोजन को सबसे बढ़िया आयोजन माना गया है। यह आयोजन चीन के बीजिंग में हुआ था। वह ओलम्पिक खास तौर से चर्चाओं में रहा। चीन ने आयोजन बढ़िया करने के साथ-साथ उसमें सबसे ज्यादा गोल्ड मैडल जीतने का भी रिकार्ड बनाया था।

आज चीन विश्व के सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है। उसने दुनिया को अपनी शक्ति का लोहा मनवाया है। इसके अलावा खेलों में अमेरिका ,रुस ,फ़्रांस ,इटली जापान, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे विकसित देशों के खिलाड़ियों ने भी ओलम्पिक में भारत से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया है।
आज भारत के पास संसाधनों की कमी नहीं है लेकिन ओलंपिक खेलों में हम एक अदद गोल्ड मैडल पाने के लिए तरस जाते हैं। जिस समय हमारा देश गुलाम था उस समय भी 1928 के ओलम्पिक खेलों में भारत ने अपना पहला गोल्ड मैडल हॉकी में जीता था। यही नहीं तब से लेकर 1956 तक भारत हॉकी में गोल्ड जीतता रहा। जबकि अब तक कुल 10 गोल्ड मैडल जो भारत को मिला है उसमें 8 मैडल सिर्फ हॉकी में मिले हैं।

इंडिविजुअल्स खेलों में अभिनव बिंद्रा ने शूटिंग जबकि नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में गोल्ड मैडल प्राप्त किया। आज देश की सरकार खेलों पर बहुत ध्यान दे रही है। देश के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर खुद भी अच्छे खिलाड़ी रह चुके हैं। उन्हें खेल और उसकी महत्ता का अच्छी तरह से पता है। इसलिए उन्होंने अभी से प्रयास करना शुरू कर दिया है। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर की कोशिश है कि भारत में भी प्रतिष्ठित ओलम्पिक खेल का आयोजन हो। इसीलिए उन्होंने इंटरनेशनल ओलम्पिक कमेटी से वार्ता कर उन्हें भारत आमंत्रित किया है। उनके विशेष आमंत्रण पर इटरनेशनल ओलम्पिक कमिटी के सदस्य सितम्बर के महीने में भारत आ रहे है। मीटिंग का स्थान फाइनल हो चूका है। यह तय हो गया है कि मीटिंग मुंबई में होगी। बस तारीख का एलान होना बाकी है।

यानि सब कुछ सही रहा है और अगर खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने इंटरनेशनल ओलम्पिक कमिटी को कन्विंस कर दिया तो भारत को ओलंपिक खेलों की मेजबानी मिल सकती है। ओलम्पिक कमेटी भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर की जायजा लेगी। वो देखना चाहेगी कि इतने बड़े आयोजन के लिए भारत में वो सारी सुविधाएं उपलब्ध है कि नहीं। अगर ओलम्पिक कमिटी संतुष्ट हो जाती है तो 2036 की मेजबानी भारत को मिल सकती है।

इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी से हरी झंडी मिलते ही भारत की ओलम्पिक एसोसिएशन मेजबानी के लिए बोली लगाएगी, जिसका समर्थन सरकार भी करेगी, क्योंकि कि बतौर केंद्र सरकार के प्रतिनिधि, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर खुद ही इसकी पहल कर रहे हैं। जिस तरीके से खेल मंत्री अनुराग ठाकुर गंभीरता दिखा रहे हैं, उसे देखकर यही लग रहा है कि 2036 में भारत ओलम्पिक खेलों का आयोजन कर सकता है। अगर भारत में ओलम्पिक का आयोजन हो गया तो यह मान लेना चाहिए कि विकसित देशों की श्रेणी में शामिल होने के लिए भारत एक कदम और आगे बढ़ जाएगा।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights