लखनऊ में छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक दिवस समारोह के दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि बीजेपी की राजनीति झूठ और दुष्प्रचार पर आधारित है और उसका मातृ संगठन नागपुर का बिना पंजीकरण वाला संगठन है, जो समाज में नफरत और दूरी फैलाता है।
बीजेपी पर आरोप, गोएबल्स से भी आगे
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी ने अपने प्रचार में हिटलर के प्रचार मंत्री गोएबल्स को भी पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने दावा किया कि 2027 में उत्तर प्रदेश से बीजेपी की विदाई तय है और जनता इसके लिए पूरी तरह तैयार हो चुकी है।
छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को बढ़ा रही है सपा
इस मौके पर अखिलेश यादव ने छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों और उनकी विरासत को याद किया। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज ने बिना किसी भेदभाव के सभी धर्मों और समुदायों का सम्मान किया और सबको साथ लेकर राज्य चलाया। उनकी सेना में मुस्लिम सेनापति नूर खान बेग भी थे और कई अन्य लोग थे जो अलग-अलग समुदायों से थे।
अखिलेश यादव ने बताया कि समाजवादी पार्टी भी इसी पंथनिरपेक्षता की विरासत को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज का भव्य म्यूजियम बनाया जाएगा और लखनऊ के रिवरफ्रंट पर उनकी बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह प्रतिमा खास होगी क्योंकि इसमें शिवाजी महाराज सोने के सिंहासन पर विराजमान होंगे।
2027 में सपा सरकार बनाने का किया दावा
कार्यक्रम में उपस्थित सरदार सेना के नेताओं ने भी कहा कि 2027 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी और मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश यादव प्रदेश की कमान संभालेंगे। अखिलेश यादव ने बीजेपी पर भ्रष्टाचार और गरीबों के पैसे की लूट का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार गरीबों और पिछड़े वर्गों के साथ अन्याय कर रही है और जनता परेशान है। उन्होंने कहा कि केवल पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) ही बीजेपी को रोक सकते हैं और इसके लिए लंबी लड़ाई लड़ी जाएगी।
यह कार्यक्रम लखनऊ के डॉ. राममनोहर लोहिया सभागार में आयोजित किया गया था, जिसका आयोजन सरदार सेना के प्रमुख आर.एस. पटेल ने किया था। संचालन सतेन्द्र पटेल ने संभाला। समारोह में समाजवादी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी मौजूद थे। अखिलेश यादव ने शिवाजी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।