अयोध्या। राम भक्तों की इंतजार की घड़ी अब समाप्त हो गई है. राम मंदिर में भगवान राम लला के विराजमान होने तिथि तय कर ली गई है. राम मंदिर ट्रस्ट ने काशी कॉरिडोर की तरह दिसंबर 2023 में ही रामलला अपने मूल गर्भगृह में विराजमान कराये जाने के संकेत दिए हैं. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या दौरे के दौरान तिथि की जानकारी पूछा था. तो उन्हें भी बता दिया गया है कि एक दो महीने पहले इस कार्य को करेंगे. चम्पतराय ने कहा कि आज तारीख तय करके किसी का कोई भला नहीं होने वाला है, लेकिन तिथि की जानकारी होने के बाद कुछ खुराफाती लोग साजिश की तैयारी जरूर कर देंगे. इसलिए तारीख बताने की जरूरत क्या है.
अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के भूतल निर्माण का कार्य अंतिम चरण ओर है. गर्भगृह और उसके चारों तरफ परिक्रमा पथ के दीवारों को खड़ा किया जा चुका है. मंदिर के भूतल पर पांच मंडप बनाये जा रहे हैं. इसके लिए 166 पीलर लगाए गए हैं. सिंहद्वार के साथ मंदिर के तल पर आने के लिए 32 सीढियां बनाई गई है. और अगले 15 दिन में मंदिर छत को बनाये जाने का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा.
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि इतना विशाल नक्काशीदार मंदिर 21 वीं शताब्दी में लोगों के लिए अनोखा है. जो सोचा है शायद वह सोच ईश्वर ने स्वीकार कर लिया है. यह कार्य समय से पूरा हो जाएगा और हम प्राणप्रतिष्ठा 2023 में कर पाएंगे. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सूर्य उत्तरायण के बाद रामलला को गर्भगृह में विराजमान कराई जाने के दावे से इनकार किया है. उन्होंने कहा है कि इस पर विचार किया गया है. दिसंबर में ही काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का भी उद्घाटन किया गया है.