लखनऊ: उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को विधानसभा में विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) पर हमला करते हुए कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में प्रशासन के समर्थन से अपराधियों एवं भूमाफियाओं के हौसले बुलंद थे तथा हर दूसरे-तीसरे दिन दंगे होते थे। उन्होंने 2017 के बाद प्रदेश का माहौल बदलने का दावा करते हुए कहा कि उनकी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति का परिणाम सभी के सामने है। बुधवार को सदन में पेश हुए अनुपूरक बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते योगी आदित्यनाथ ने कहा,”हम मानते हैं कि अगर नजर लक्ष्य पर है और कदम सही रास्ते पर हैं तो ऐसा कोई रास्ता नहीं है जो लक्ष्य तक न पहुंचे। हमने एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखा है और उस तक पहुंचने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। ”
मुख्यमंत्री ने कहा, ” पहले युवाओं के विश्वास को कुचला जा रहा था और भर्तियों में ‘भाई-भतीजावाद’ किया जा रहा था । पूरी व्यवस्था को छिन्न-भिन्न किया जा रहा था लेकिन आज राज्य इससे उबर चुका है और अपनी पहचान बना रहा है ।” उन्होंने कहा, ”उत्तर प्रदेश ने वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन 2023 आयोजित करके एक बेंचमार्क स्थापित किया है। 40 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।” उन्होंने पूछा कि जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी तो क्या कोई उत्तर प्रदेश आना चाहता था। मुख्यमंत्री ने कहा,”यहां तक कि जो लोग पहले से ही राज्य में थे वे भी भागना चाहते थे। लेकिन आज देश और दुनिया के तमाम उद्यमी उत्तर प्रदेश में आकर निवेश करना चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि जब ये निवेश प्रस्ताव जमीन पर आएंगे तो इससे 1.10 करोड़ लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा, “प्रदेश के युवाओं को नौकरी के लिए कहीं बाहर नहीं जाना पड़ेगा बल्कि दुनिया नौकरी के लिए उत्तर प्रदेश आएगी। हमने यह तय कर लिया है।” उन्होंने कहा कि पहले राज्य की पहचान खस्ताहाल सड़कों और बिजली की खराब स्थिति के कारण होती थी, लेकिन अब राज्य को एक्सप्रेस वे राज्य के रूप में जाना जाने लगा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “विपक्ष के नेता भी सड़क मार्ग से यात्रा करते हैं और उन्हें भी ‘नए भारत के नए उत्तर प्रदेश’ में यात्रा करते समय अच्छा महसूस हो रहा होगा।” सपा नेताओं पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि वे परेशान हैं क्योंकि राज्य में ‘वीआईपी संस्कृति’ खत्म हो गई है । मुख्यमंत्री ने कहा,” हम लोगों ने 2017 में सत्ता में आने के बाद अब तक 1.64 लाख पुलिस कर्मियों की भर्ती की है। वर्ष 2017 में प्रदेश में प्रशिक्षण की क्षमता मात्र छह हजार थी, आज 30 हजार प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण देने की क्षमता हमारे पास है।” मुख्यमंत्री ने कहा , ‘‘ प्रदेश में साइबर अपराध तेजी से बढ़ा है। 2017 से पहले इसकी नीति नहीं थी। लेकिन आज इस पर तेजी से काम किया जा रहा है। हमने साइबर थानों का गठन किया है। हर जनपद में साइबर थानों के काम को आगे बढ़ाया है।” इससे पहले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सदन में विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने सरकार पर आरोप लगाया कि भाजपा नीत सरकार दोहरे मापदंड वाली सरकार है।
अनुपूरक बजट पर यादव ने कहा,‘‘ जब पिछले बजट का लगभग 65 फीसदी पैसा खर्च ही नहीं हुआ तो अनुपूरक बजट की जरूरत क्यों है? महत्वपूर्ण विभागों में पैसा पड़ा हुआ है । कई विभागों में पैसा खर्च नहीं हुआ है। अब नया बजट भी आएगा।” उन्होंने कहा कि यह सरकार डींगे हांकने में आगे है, कहती कुछ है और करती कुछ है। उन्होंने स्मार्ट सिटी का जिक्र करते हुए पूछा,‘‘ इस अनुपूरक बजट में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए कितना रखा गया है?क्या इस अनुपूरक बजट में स्मार्ट सिटी का कहीं स्थान है।” उन्होंने कहा, “सड़कों के रखरखाव पर कितना खर्च किया गया है। सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए अब तक सड़कों के रखरखाव पर लगभग 40 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन सड़कों की स्थिति सबके सामने है।”
उन्होंने कहा कि किसानों को दोगुनी आय देने का वादा किया गया था, उनके लिए इस अनुपूरक बजट में क्या है, यह सरकार सिर्फ बड़े-बड़े दावे ही कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सुरंग आपदा में 41 लोगों की जान बचाने में मदद करने वाले ‘रैट माइनर्स’ के लिए भी उचित सम्मान की मांग की। उन्होंने कहा कि सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों को बचाने में हिंदू और मुस्लिम दोनों ने अपना योगदान दिया हैं इसलिए इनको सम्मानित किये जाने में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। जाति आधारित जनगणना की मांग का जिक्र करते हुए यादव ने कहा कि ‘सबका साथ-सबका विकास’ इसी से संभव है । उन्होंने कहा, ”यहां तक कि भाजपा के नेता भी जाति आधारित जनगणना चाहते हैं ।”