लोकसभा में एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लिया।

उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान चार वर्गों का जिक्र किया था। मैं सरकार से जानना चाहता हूं क्या 17 करोड़ मुसलमानों में गरीब लोग नहीं हैं?

उन्होंने कहा कि बजट में मुसलमानों के लिए कमी कर दी गई। डाटा के अनुसार देश के मुसलमान सबसे ज्यादा गरीब हैं। शिक्षण संस्थानों में भी मुसलमानों की संख्या कम है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को न रोजगार मिल रहा है, न शिक्षा। इस देश में मुसलमानों को अछूत बना दिया गया है। देश की राजनीति में भी मुसलमानों की हिस्सेदारी कम कर दी गई है। माइनॉरिटी वेलफेयर मिनिस्ट्री के 2023-24 के बजट में 38 फीसदी कमी की गई। बजट को पांच हजार से कम करके तीन हजार करोड़ कर दिया गया।

मोदी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने एक करोड़ स्कॉलरशिप देने का वादा किया था, लेकिन सिर्फ 58 लाख दिए जा रहे। मोदी हुकूमत को मुसलमान से नफरत खत्म करना पड़ेगा, उनका हक देना पड़ेगा। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि 17 करोड़ मुसलमानों से नफरत करके आप विकसित भारत कैसे बनाएंगे? वित्त मंत्री ने अपने भाषण के दौरान बच्चों का जिक्र तक नहीं किया। देश में 67 लाख बच्चे हर रोज भूखे सो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि लद्दाख में भारत की सेना 65 में से 26 पेट्रोलिंग प्वाइंट पर पेट्रोलिंग नहीं कर पा रही है, लेकिन पीएम मोदी को इसकी चिंता नहीं है। चीन से हमारा आयात बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेलो इंडिया की बात करते हैं, लेकिन सरकार झेलो इंडिया की नीतियों पर काम कर रही है। देश के गरीब, किसान और महिलाएं पीएम मोदी को झेल रहे हैं।

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