इज्जतनगर के शिकारपुर चौधरी में मासूम मिस्टी की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। उसका शव पड़ोस के घर में मिला पड़ोसी महिला को पुलिस ने हिरासत में लिया है। तांत्रिक क्रिया में हत्या करने का संदेह व्यक्त किया गया है। एसएसपी अनुराग आर्य, एडिशनल एसपी मुकेश चंद्र मिश्र समेत अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया। आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है।
बरेली के इज्जतनगर क्षेत्र में बच्ची के अपहरण की खबर मिलते ही, इंस्पेक्टर धनंजय पांडेय ने तीन टीमों का गठन कर तुरंत तलाश शुरू कर दी। दो घंटे के भीतर बच्ची का शव बरामद कर लिया गया। इज्जतनगर थाने के इंस्पेक्टर धनंजय पांडेय ने बताया कि बच्ची मिष्टी की गुमशुदगी की सूचना मिलते ही तुरंत पुलिस टीमों को सक्रिय किया गया। पुलिस ने गांव में लोगों से पूछताछ की और सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया। शुरुआत में एक व्यक्ति ने बताया कि एक किशोर ने बच्ची को ले जाते देखा था, लेकिन जांच के दौरान यह सूचना गलत निकली।
पुलिस ने खोजबीन करते हुए सावित्री नाम की महिला के घर में तलाशी ली, जहाँ बच्ची का शव बोरी में छिपा हुआ मिला। सावित्री का कहना है कि बच्ची छत से गिर गई थी, और डर के कारण उसने शव को छिपा दिया। स्थानीय लोगों के अनुसार, सावित्री के पति, ससुर और देवर की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। सावित्री झारखंड की निवासी है और उसके बच्चे वहीं रहते हैं। घटना के बाद से शक जताया जा रहा है कि वह अपने चचेरे ससुर गंगाराम के साथ तांत्रिक क्रिया कर रही थी। पुलिस इस पहलू पर भी जांच कर रही है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि पुलिस समय पर सक्रिय नहीं होती, तो संभवतः शव को रात में ठिकाने लगाने का प्रयास किया जाता और फिर उसे ढूंढ़ना मुश्किल हो जाता। बच्ची के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज होते ही पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और शव बरामद कर लिया। एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि महिला समेत दो आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
बच्ची का शव मिलने के बाद घटनास्थल पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए और स्थिति तनावपूर्ण हो गई। मौके पर इज्जतनगर के अलावा प्रेमनगर, कोतवाली और बारादरी थानों की फोर्स बुलानी पड़ी। पुलिस के समझाने पर भीड़ को शांत किया गया।
बच्ची का शव मिलने के बाद घटनास्थल पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए और स्थिति तनावपूर्ण हो गई। मौके पर इज्जतनगर के अलावा प्रेमनगर, कोतवाली और बारादरी थानों की फोर्स बुलानी पड़ी। पुलिस के समझाने पर भीड़ को शांत किया गया।
शिकारपुर चौधरी, जो मिश्रित आबादी वाला गांव है, वहां बच्ची के गायब होने के बाद से ही परिवार ने दूसरे समुदाय के कुछ लोगों पर शक जताया, जिससे गांव में तनाव बढ़ गया। दोनों समुदायों के लोग बच्ची की खोज में लगे थे, जिससे गांव में तनावपूर्ण स्थिति बनी रही।