दिल्ली में 1008 संस्कृत सम्भाषण शिविरों का आयोजन 23 अप्रैल से 3 मई तक
पहली बार ‘संस्कृत सीखो’ अभियान : मनोज तिवारी
नई दिल्ली, 16 अप्रैल (हि.स.)। संस्कृत भारती दिल्ली में 1008 संस्कृत सम्भाषण शिविरों का आयोजन 23 अप्रैल से तीन मई तक करने जा रही है। ये सभी शिविर नि:शुल्क होंगे और इनका आयोजन विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, शैक्षणिक संस्थानों तथा सामुदायिक स्थलों जैसे कि आरडब्ल्यूए, आश्रम, धर्मशाला, आर्य समाज मंदिर, सनातन धर्म मंदिर, गुरुकुल आदि में किया जाएगा। इस आयोजन में संस्कृत अकादमी दिल्ली उनका सहयोग करेगी।
संस्कृत भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री जयप्रकाश गौतम और दिल्ली प्रांत अध्यक्ष डॉ. वागीश भट्ट ने बुधवार को कांस्टीट्यूशन क्लब में संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी साझा की। इस मौके पर दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा, सांसद मनोज तिवारी, संस्कृत भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री जयप्रकाश गौतम और दिल्ली प्रांत अध्यक्ष डॉ. वागीश भट्ट ने अपने विचार साझा किए। कपिल मिश्रा ने दिल्ली के सभी नागरिकों से संस्कृत सम्भाषण शिविरों में भाग लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह केवल भाषा सीखने का अवसर नहीं है बल्कि अपनी जड़ों से जुड़ने का अद्वितीय अवसर है।
भाजपा सासंद मनोज तिवारी ने कहा कि अब तक हमने ‘अंग्रेजी सीखो’ जैसे अभियान देखे हैं लेकिन यह पहली बार है, जब हम इतने भव्य रूप में ‘संस्कृत सीखो’ अभियान देख रहे हैं। संस्कृत संस्कृति से जुड़ने का माध्यम है—यह कठिन नहीं, बल्कि प्राचीन होते हुए भी आधुनिक है।
संस्कृत भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री जयप्रकाश गौतम ने कहा कि संस्कृत सरलम् अपि च सर्वेषां। संस्कृत जनभाषा बने। यह हर भारतीय भाषा की जननी है। यह कम्प्यूटर-युक्त भी है, और भारत की प्रतिष्ठा के लिए संस्कृत और संस्कृति दोनों की पुनर्स्थापना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि समापन समारोह का आयोजन चार मई को दिल्ली विश्वविद्यालय के सभागार में किया जाएगा। इस ऐतिहासिक आयोजन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में पधारेंगे। यह समापन समारोह केवल एक समापन नहीं, बल्कि एक संस्कृत महोत्सव और भारतीय सांस्कृतिक चेतना का उत्सव होगा।
दिल्ली प्रांत अध्यक्ष डॉ. वागीश भट्ट ने कहा कि प्राचीन काल से स्पेन में स्पेनी बोली जाती है, चीन में चीनी बोली जाती है तो भारत में संस्कृत क्यों नहीं? आइए हम सब संकल्प लें कि संस्कृत को अपनी मातृभाषा बनाएं। संस्कृत सम्भाषण शिविर अभियान एक जनजागरण है, जिसका उद्देश्य संस्कृत को जन-जन तक पहुंचाकर भारत की आत्मा को पुनः जाग्रत करना है।
शिविर की विशेषताएं : हर प्रतिभागी को 20 घंटे का सम्भाषण प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक दिन 2 घंटे की कक्षा कुल 10 दिनों तक रहेगी। यह शिविर हर आयु वर्ग, सामाजिक पृष्ठभूमि और शैक्षिक योग्यता वाले लोगों के लिए खुले हैं। यह केवल भाषा सिखाने का कार्यक्रम नहीं है बल्कि भारतीय जीवन मूल्यों, नैतिकता, पारिवारिक संरचना और सामाजिक सिद्धांतों की शिक्षा भी संस्कृत के माध्यम से दी जाएगी।
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