आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि आपातकाल के काले दिन हमें याद दिलाते हैं कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रता को नष्ट कर दिया और भारत के संविधान को कुचल दिया, जिसका हर भारतीय बहुत सम्मान करता है। वहीं पीएम मोदी के आरोपों पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पलटवार किया है।

ज्ञात हो कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगाई थी।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ”पीएम नरेंद्र मोदी, देश भविष्य की ओर देख रहा है, आप अपनी कमियां छुपाने के लिए अतीत को ही कुरेदते रहते हैं। पिछले 10 वर्षों में 140 करोड़ भारतीयों को आपने जो “अघोषित आपातकाल” का आभास करवाया, उसने लोकतंत्र और संविधान को गहरा आघात पहुंचाया है। पार्टियों को तोड़ना, चोर दरवाजे से चुनी हुई सरकारों को गिराना, 95 प्रतिशत विपक्षी नेताओं पर ईडी, सीबीआई, आईटी का दुरुपयोग कर मुख्यमंत्रियों तक को जेल में डालना, और चुनाव के पहले सत्ता का इस्तेमाल कर लेवल प्लेइंग फील्ड को बिगाड़ना – क्या ये अघोषित आपातकाल नहीं है? पीएम मोदी सर्वसम्मति और सहयोग की बात करते हैं, पर उनकी कार्रवाई इसके विपरीत हैं।”

उन्होंने लिखा, ”जब 146 विपक्षी सांसदों को संसद से सस्पेंड कर देश के नागरिकों पर अपराधिक न्याय प्रणाली को बदलने के लिए 3 कानून – भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023, भारतीय न्याय संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023; पारित किये गए तब ये सर्वसम्मति शब्द कहां था? जब संसद के प्रांगण से छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा गांधी और बाबा साहेब डॉ अंबेडकर जैसी महान विभूतियों की प्रतिमाओं को बिना विपक्ष से पूछे एक कोने में स्थानांतरित कर दिया गया, तब ये Consensus शब्द कहां था?

खड़गे ने आगे लिखा, ”जब हमारे 15 करोड़ किसान परिवारों पर तीन काले कानून थोपे गए और उनको अपने ही देश में महीनों सड़कों पर बैठने पर विवश किया गया, उन पर अत्याचार किया गया, तब ये Consensus शब्द कहां था? नोटबंदी हो, आनन-फानन में लागू किया लॉकडाउन हो, या इलेक्टोरल बॉन्ड का क़ानून हो, ऐसे सैकड़ों उदाहरण हैं, जिस पर मोदी सरकार ने Consensus/Cooperation का प्रयोग बिलकुल नहीं किया। विपक्ष को क्या, अपने ही नेताओं को अंधेरे में रखा।”

आखिर में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने लिखा, ”17वीं लोकसभा में इतिहास में सबसे कम – केवल 16 प्रतिशत विधेयक पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी के समक्ष गए और लोकसभा में 35 फीसदी विधेयक एक घंटे से कम समय में पारित हुए। राज्यसभा में भी ये आंकड़ा 34 प्रतिशत है। लोकतंत्र और संविधान की दुर्दशा भाजपा ने की है, कांग्रेस ने हमेशा लोकतंत्र और संविधान का साथ दिया है,और हम देते रहेंगे।”

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