उत्तर प्रदेश के अयोध्या में एक बार फिर रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है। यहां पर बेसिक शिक्षा विभाग के खंड शिक्षा अधिकारी मसौधा के कार्यालय में नियुक्त सहायक लेखाकार अमरेंद्र प्रताप सिंह को रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। शुक्रवार की शाम को विजिलेंस की टीम ने उसे एक लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है और उसका चालान किया गया है।
बता दें कि शुक्रवार को विजिलेंस टीम ने सहायक लेखाकार अमरेंद्र प्रताप सिंह को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ अरेस्ट कर लिया। यह रिश्वत उसने मृतक शिक्षिका का जीपीएफ निकालने के उनके परिजनों से मांगी थी। सहायक लेखाकार को बेसिक शिक्षक कार्यालय गेट के पास से ही गिरफ्तार किया गया। इस कार्रवाई से वहां काफी देर तक हड़कंप का माहौल बना रहा।
विजिलेंस के एसपी मुख्यालय अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि हसनू कटरा निवासी इरफान उल हक की पत्नी यासमीन फातिमा मसौधा के कंपोजिट विद्यालय भदोखर में प्रधानाध्यापिका थीं। उनके निधन के बाद उन्होंने जीपीएफ राशि निकलवाने के लिए सहायक लेखाकार अमरेंद्र प्रताप सिंह से संपर्क किया। उसने इसके लिए 1 लाख रुपये रिश्वत मांगी। इस पर इरफान ने विजिलेंस की अयोध्या यूनिट में शिकायत की। इसके बाद सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने इस शिकायत की जांच की और इसकी पुष्टि हुई। टीम ने एक प्लान बनाया और लेखाकार को रिश्वत देने के लिए बीएसए कार्यालय के पास बुलवाया गया। जैसे ही आरोपी ने शिकायतकर्ता से एक लाख की रिश्वत ली तो टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।