अगर आपका बैंक खाता किसी ग्रामीण बैंक में है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। केंद्र सरकार की ‘One State One RRB’ नीति के तहत 1 मई 2025 से देश के 15 ग्रामीण बैंकों का विलय हो गया है। इस बदलाव के बाद अब हर राज्य में सिर्फ एक रीजनल रूरल बैंक (RRB) होगा। सरकार का मकसद है बैंकिंग सेवाओं को और सशक्त बनाना, तकनीकी तौर पर बेहतर बनाना और ग्राहकों को एकीकृत सुविधा देना।

कहां-कहां हुआ असर?

इस नीति का प्रभाव 11 राज्यों में देखा जाएगा, जिनमें शामिल हैं:

  • उत्तर प्रदेश
  • आंध्र प्रदेश
  • पश्चिम बंगाल
  • बिहार
  • गुजरात
  • जम्मू-कश्मीर
  • कर्नाटक
  • मध्य प्रदेश
  • महाराष्ट्र
  • ओडिशा
  • राजस्थान

इन राज्यों में मौजूद 43 में से 15 ग्रामीण बैंकों का विलय कर दिया गया है और अब प्रत्येक राज्य में केवल एक ग्रामीण बैंक काम करेगा।

क्या बदलेगा ग्राहकों के लिए?

  • खाते की सेवाएं पहले जैसी ही रहेंगी।
  • बैंक का नाम बदलेगा, लेकिन खाता नंबर, बैलेंस, लोन जैसी सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी।
  • ग्राहकों को नए चेकबुक, पासबुक और IFSC कोड बैंक की ओर से SMS/नोटिफिकेशन द्वारा दिए जाएंगे।
  • डिजिटल सेवाएं और ग्राहक सहायता सिस्टम अब और तेज और केंद्रीकृत होंगे।
  • ब्रांच की संख्या कम नहीं होगी, बल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत किया जाएगा।

विलय होने वाले कुछ प्रमुख बैंक

  • आंध्र प्रदेश: चैतन्य गोदावरी ग्रामीण बैंक, सप्तगिरी ग्रामीण बैंक
  • उत्तर प्रदेश: बड़ौदा यूपी बैंक, आर्यावर्त बैंक
  • पश्चिम बंगाल: बंगिया ग्रामीण विकास बैंक, उत्तर बंगाल RRB
  • बिहार: दक्षिण और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक
  • गुजरात: Baroda Gujarat Gramin Bank, सौराष्ट्र ग्रामीण बैंक
  • जम्मू-कश्मीर: J&K Gramin Bank, इलाकाई रूरल बैंक

बदलाव का मकसद

सरकार का कहना है कि यह कदम ग्रामीण बैंकिंग नेटवर्क को सरल, पारदर्शी और कुशल बनाने की दिशा में उठाया गया है। इससे ग्राहकों को बेहतर तकनीकी सहायता, तेज डिजिटल ट्रांजेक्शन और एकीकृत ग्राहक सेवा का लाभ मिलेगा।

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