दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर से मिली नकदी पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जज यशवंत वर्मा पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगाया जा सकता। अखिलेश का कहना है कि संभव है कि जज ने यह पैसा उधार लिया हो या फिर यह किसी और उद्देश्य के लिए रखा गया हो। उन्होंने एक वीडियो का भी जिक्र किया, जिसमें भगवा रंग का कपड़ा दिखाई दे रहा है। अखिलेश ने यह भी बताया कि यह केवल एक छोटी सी रकम है जो बरामद हुई है, जबकि उत्तराखंड में कई सौ करोड़ रुपये जब्त हुए थे, लेकिन उन पैसों के मालिक का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

महाकुंभ में लापता हिंदुओं के बारे में बोले अखिलेश यादव
मिली जानकारी के मुताबिक, इसके बाद अखिलेश यादव ने महाकुंभ के दौरान लापता हिंदुओं के मामले पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजन के दौरान लापता हुए लोगों के बारे में सही जानकारी नहीं दे रही है। अखिलेश ने आरोप लगाया कि सरकार उन लोगों को ढूंढने की कोशिश नहीं कर रही है और ना ही मुआवजा दे रही है। उन्होंने सवाल किया कि क्या ऐसे लोग वास्तव में सनातनी हो सकते हैं, क्योंकि सनातनी वे होते हैं जो दूसरों के दुख को अपना दुख समझते हैं।

डिजिटल महाकुंभ पर सवाल उठाते हुए किया BJP पर हमला
अखिलेश यादव ने महाकुंभ को ‘डिजिटल’ बताने वाली भाजपा सरकार पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि प्रचार किया गया था कि यह महाकुंभ डिजिटल है, लेकिन वहां ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे क्यों नहीं थे? इसके साथ ही, उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे समाजवादियों पर झूठे आरोप लगाते हैं, जबकि वे खुद सही इतिहास नहीं जानते। उन्होंने सम्राट हर्षवर्धन का नाम लेते हुए कहा कि वे पहले सम्राट थे जिन्होंने कुंभ का आयोजन किया था, लेकिन भाजपा वाले उनका नाम तक नहीं लेते।

लापता लोगों का सवाल और मुआवजा
अखिलेश ने सवाल उठाया कि भाजपा सरकार उन लापता लोगों का कब तक पता लगाएगी जो महाकुंभ के दौरान गायब हो गए थे। उन्होंने यह भी पूछा कि जो लोग एक्सीडेंट में अपनी जान गंवा चुके हैं, उनके परिजनों को मुआवजा कब दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीजेपी को सम्राट हर्षवर्धन का नाम लेना चाहिए, जो कुंभ के आयोजन का इतिहास रखते हैं।

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