सर्दी का मौसम आने वाला है। दिल का दौरा पड़ने के लगभग 53 प्रतिशत मामले सुबह के समय ही होते हैं। सुबह के 3-4 बजे से 6-7 बजे तक का यह समय हृदय व उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए भारी पड़ता है। सर्दी में गर्मियों की तुलना में दिल का दौरा पडऩे के मामले करीब 25त्न तक बढ़ जाते हैं। जिन्हें पहले से ही हृदय का कोई रोग या फिर हृदय से जुड़ी कोई सर्जरी हो चुकी है, वे इस समय सतर्क रहें।
कोरोनरी आर्टरी डिजीज और हार्ट अटैक क्या है?
हार्ट के ब्लड वेसल्स (कोरोनरी आर्टरी) में ब्लॉकेज होने की स्थिति को कोरोनरी हार्ट डिजीज कहते हैं। असंतुलित डाइट, नशा आदि इसके लिए जिम्मेदार हैं। ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है, जो धमनियों में जमा होता है। धमनियों में कैल्शियम भी जमा हो सकता है। इससे हार्ट को खून नहीं मिलता है। इस तरह दिल का दौरा पडऩे का खतरा बढ़ता है। इसको अटैक कहते हैं। बीपी रोगी भी ध्यान रखें।
हार्ट के ब्लड वेसल्स (कोरोनरी आर्टरी) में ब्लॉकेज होने की स्थिति को कोरोनरी हार्ट डिजीज कहते हैं। असंतुलित डाइट, नशा आदि इसके लिए जिम्मेदार हैं। ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है, जो धमनियों में जमा होता है। धमनियों में कैल्शियम भी जमा हो सकता है। इससे हार्ट को खून नहीं मिलता है। इस तरह दिल का दौरा पडऩे का खतरा बढ़ता है। इसको अटैक कहते हैं। बीपी रोगी भी ध्यान रखें।
लक्षण नजरअंदाज न करें
सीने में हल्की-सी भी बेचैनी, पसीना, जबड़े, गर्दन, बाजू और कंधों में दर्द, सांस फुलने आदि को बिल्कुल नजरअंदाज न करें। इन लक्षणों के नजर आने पर तुंरत डॉक्टर से परामर्श लें।
सीने में हल्की-सी भी बेचैनी, पसीना, जबड़े, गर्दन, बाजू और कंधों में दर्द, सांस फुलने आदि को बिल्कुल नजरअंदाज न करें। इन लक्षणों के नजर आने पर तुंरत डॉक्टर से परामर्श लें।
कोको वाला चॉकलेट्स
डार्क चॉकलेट्स हार्ट के लिए तभी फायदेमंद है, जब उसमें कोको की मात्रा 60-70त्न हो। कोको में पॉलीफेनोल्स नामक फ्लेवोनॉइड होता है, जो रक्तचाप, थक्के और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। बादाम, अखरोट, पिस्ता आदि लें।
डार्क चॉकलेट्स हार्ट के लिए तभी फायदेमंद है, जब उसमें कोको की मात्रा 60-70त्न हो। कोको में पॉलीफेनोल्स नामक फ्लेवोनॉइड होता है, जो रक्तचाप, थक्के और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। बादाम, अखरोट, पिस्ता आदि लें।
क्या न खाएं
दिल के मरीज सेचुरेटेड फैट से बचें। रेड मीट, फैटी व तली हुई चीजें, बेकिंग प्रोडक्ट जैसे ब्रेड व बिस्किट, जंक फूड, अल्कोहल आदि से बचें और दही कम खाना चाहिए। नमक व नॉनवेज सहित फ्राइड चीजें कम खाएं। आइसक्रीम बिल्कुल न खाएं।
दिल के मरीज सेचुरेटेड फैट से बचें। रेड मीट, फैटी व तली हुई चीजें, बेकिंग प्रोडक्ट जैसे ब्रेड व बिस्किट, जंक फूड, अल्कोहल आदि से बचें और दही कम खाना चाहिए। नमक व नॉनवेज सहित फ्राइड चीजें कम खाएं। आइसक्रीम बिल्कुल न खाएं।
फाइबर चीजें अधिक लें
ओटस में फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जो कोलेस्ट्रॉल लेवल नियंत्रित करता है। ओट्स, कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में मदद करता हैं। इसमें ओमेगा 3 एसिड की मात्रा होती है, जो हार्ट के लिए फायदेमंद मानी जाती है। यह पाचन में आसान होता है।
ओटस में फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जो कोलेस्ट्रॉल लेवल नियंत्रित करता है। ओट्स, कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में मदद करता हैं। इसमें ओमेगा 3 एसिड की मात्रा होती है, जो हार्ट के लिए फायदेमंद मानी जाती है। यह पाचन में आसान होता है।
जिनकी एंजियोप्लास्टी या बायपास सर्जरी हो चुकी
ऐसे रोगियों की हार्ट की पंपिंग क्षमता स्वस्थ व्यक्ति की तुलना में कम होती है। अचानक ठंड में न जाएं। ज्यादा जरूरी हो तो गर्म कपड़े पहनें या धूप निकलने के बाद जाएं।
हार्ट की सर्जरी या स्टेंट लगने के कुछ समय तक एक्सरसाइज नही करने की सलाह दी जाती है, उसका पालन करें। फिर धीरे-धीरे वॉक व एक्सरसाइज का समय बढ़ाएं।
ऐसे रोगियों की हार्ट की पंपिंग क्षमता स्वस्थ व्यक्ति की तुलना में कम होती है। अचानक ठंड में न जाएं। ज्यादा जरूरी हो तो गर्म कपड़े पहनें या धूप निकलने के बाद जाएं।
हार्ट की सर्जरी या स्टेंट लगने के कुछ समय तक एक्सरसाइज नही करने की सलाह दी जाती है, उसका पालन करें। फिर धीरे-धीरे वॉक व एक्सरसाइज का समय बढ़ाएं।
हार्ट पीआर वर्क लोड बढ़ाने वाली आइसोमेट्रिक एवं वेट संबंधी एक्सरसाइज से परहेज रखें।
कार्डियोलॉजिस्ट की सलाह पर योगाभ्यास, प्राणायाम कर सकते हैं।
दवाएं खासकर खून पतला होने की दवा समय पर और उचित मात्रा में लें। इस तरह स्टेंट या ग्राफ्ट के फिर से बंद होने का खतरा काफी कम किया जा सकता है।
खाने में सरसों का तेल उपयोग में लेना फायदेमंद होता है। इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड, लिनोलेनिक एसिड होते हैं जो हार्ट की सेहत के लिए लाभदायक होते हैं। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स, मोनो अनसैचुरेटेड फैटी एसिड, पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड की मात्रा काफी ज्यादा होती है जिससे हार्ट अटैक का खतरा काफी कम हो जाता है।
कार्डियोलॉजिस्ट की सलाह पर योगाभ्यास, प्राणायाम कर सकते हैं।
दवाएं खासकर खून पतला होने की दवा समय पर और उचित मात्रा में लें। इस तरह स्टेंट या ग्राफ्ट के फिर से बंद होने का खतरा काफी कम किया जा सकता है।
खाने में सरसों का तेल उपयोग में लेना फायदेमंद होता है। इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड, लिनोलेनिक एसिड होते हैं जो हार्ट की सेहत के लिए लाभदायक होते हैं। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स, मोनो अनसैचुरेटेड फैटी एसिड, पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड की मात्रा काफी ज्यादा होती है जिससे हार्ट अटैक का खतरा काफी कम हो जाता है।
हृदय पर दबाव बढऩे के कारण
सर्दी में ठंडक, शरीर के सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम को उत्तेजित कर देती है, जिससे हृदय में रक्त प्रवाह और धडक़न भी बढ़ जाती है। हार्ट पर ज्यादा काम करने का दबाव पड़ता है।
सर्दी में धूप की कमी से शरीर में विटामिन-डी की कमी होने लगती है जो हार्ट हैल्थ के लिए सही नहीं है। इसकी कमी से हार्ट में दिक्कत होती है।
सुबह की सैर के समय ध्यान रखें। सर्दी में सुबह निकलने से धमनियां सिकुड़ सकती, खून गाढ़ा होने से क्लॉटिंग व फिर अटैक हो सकता है।
आलस्य से फिजिकल एक्टिविटी बंद कर देते हैं। इससे वजन बढ़ता है।
सर्दी में नमकीन-चटपटी चीजें ज्यादा खाने से शरीर में नमक ज्यादा आता है। इससे हाई बीपी होता है। यह मिथ है कि अल्कोहल से शरीर गर्म होता है। इससे धडक़न बढ़ती है।
सर्दियों में वायु प्रदूषण भी एक मुख्य कारण है। प्रदूषण का स्तर ठंड के कारण नीचे आ जाता है जो सांस के साथ अंदर जाता है। इससे ऑक्सीजन कम मिलती है।
सर्दी में ठंडक, शरीर के सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम को उत्तेजित कर देती है, जिससे हृदय में रक्त प्रवाह और धडक़न भी बढ़ जाती है। हार्ट पर ज्यादा काम करने का दबाव पड़ता है।
सर्दी में धूप की कमी से शरीर में विटामिन-डी की कमी होने लगती है जो हार्ट हैल्थ के लिए सही नहीं है। इसकी कमी से हार्ट में दिक्कत होती है।
सुबह की सैर के समय ध्यान रखें। सर्दी में सुबह निकलने से धमनियां सिकुड़ सकती, खून गाढ़ा होने से क्लॉटिंग व फिर अटैक हो सकता है।
आलस्य से फिजिकल एक्टिविटी बंद कर देते हैं। इससे वजन बढ़ता है।
सर्दी में नमकीन-चटपटी चीजें ज्यादा खाने से शरीर में नमक ज्यादा आता है। इससे हाई बीपी होता है। यह मिथ है कि अल्कोहल से शरीर गर्म होता है। इससे धडक़न बढ़ती है।
सर्दियों में वायु प्रदूषण भी एक मुख्य कारण है। प्रदूषण का स्तर ठंड के कारण नीचे आ जाता है जो सांस के साथ अंदर जाता है। इससे ऑक्सीजन कम मिलती है।
हृदय रोगी हैं तो जरूर करेंदवा समय से लें। रात में दवा लेने से सुबह होने वाले हार्ट अटैक से बचाव किया जा सकता है।
सुबह की तेज ठंड में सैर करने से बचें। धूप निकलने के बाद ही घर से निकलें।
शरीर को गर्म रखने के लिए कई लेयर में कपड़े पहनें। गुनगुने पानी से ही नहाएं।
नियमित व्यायाम करें, लेकिन सर्दी में इंडोर व्यायाम ही करें। नियमित योग-मेडिटेशन करें।
अटैक आ चुका हो तो भूल से भी वर्कआउट रूटीन में पुशअप्स, सिटअप्स व आइसोमेट्रिक व्यायाम न करें, मांसपेशियों पर दबाव बढ़ता है।
वजन नियंत्रित रखें ताकि एक्टिविटी अच्छी हो।
सर्दी में पानी कम पीने से नसें सिकुडऩे लगती हैं। कम से कम ३ लीटर पानी जरूर पीएं।
तनाव न लें। परेशानी बढ़ सकती है।
मौसमी फल और हरी सब्जियां भरपूर मात्रा में खाएं। एक बार में खाने की बजाय थोड़ी-थोड़ी देर में खा सकते हैं। खाने के बाद थोड़ा टहलें।
गुनगुनी धूप का आनंद लें। सिर पर ज्यादा देर धूप लेने से डिहाइड्रेशन हो सकता है।