केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि हुर्रियत से संबद्ध एक अन्य संगठन जम्मू-कश्मीर मास मूवमेंट ने अलगाववाद को खारिज कर दिया है और भारत की एकता के प्रति पूरी प्रतिबद्धता जताई है। शाह ने एक्स पर लिखा कि मोदी सरकार के तहत जम्मू-कश्मीर में एकता की भावना व्याप्त है। उन्होंने आगे कहा कि हुर्रियत से जुड़े एक अन्य संगठन जम्मू-कश्मीर मास मूवमेंट ने अलगाववाद को खारिज करते हुए भारत की एकता के लिए पूरी प्रतिबद्धता जताई है। मैं उनके इस कदम का तहे दिल से स्वागत करता हूं।
शाह ने दावा किया कि अब तक हुर्रियत से जुड़े 12 संगठन अलगाववाद से अलग हो चुके हैं और भारत के संविधान पर भरोसा जता रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक भारत-श्रेष्ठ भारत के दृष्टिकोण की जीत है। इससे पहले अमित शाह ने मंगलवार को घोषणा की थी कि ‘जम्मू-कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी’, ‘जम्मू-कश्मीर मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग’ और ‘कश्मीर फ्रीडम फ्रंट’ ने अलगाववादी समूह ‘हुर्रियत कॉन्फ्रेंस’ से खुद को अलग कर लिया है।
शाह ने कहा कि यह कदम संविधान में लोगों के भरोसे को दर्शाता है। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब शाह तीन दिवसीय यात्रा पर जम्मू-कश्मीर में हैं। शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ ‘जम्मू-कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी’, ‘जम्मू-कश्मीर मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग’ तथा ‘कश्मीर फ्रीडम फ्रंट’ नामक तीन और संगठनों ने हुर्रियत से खुद को अलग कर लिया है। यह घाटी के लोगों के भारत के संविधान में भरोसे को दर्शाता है।’’ गृह मंत्री ने कहा कि एकजुट एवं शक्तिशाली भारत को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दृष्टिकोण आज और भी सुदृढ़ हुआ है तथा अब तक 11 संगठनों ने अलगाववाद को त्यागकर इस दृष्टिकोण के प्रति अटूट समर्थन दर्शाया है। पिछले महीने ‘हुर्रियत कॉन्फ्रेंस’ के कई घटकों ने अलगाववादी समूह से अलग होने की घोषणा की थी।