कर्नाटक में स्पष्ट बहुमत की जीत हासिल करने के बाद अब कांग्रेस सरकार बनाने की कवायद में जुटी है। यहां मुख्यमंत्री कौन होंगे? मुख्यमंत्री के साथ-साथ क्या डिप्टी सीएम भी बनाए जाएंगे? यदि डिप्टी सीएम बनाए जाएंगे तो कितने और किस-किस समुदाय के? इन सवालों पर कांग्रेस के साथ-साथ कर्नाटक की राजनीति में रूचि रखने वाले लोग माथापच्ची कर रहे हैं। सरकार बनाने की तैयारियों के बीच सोमवार 15 मई को कर्नाटक वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शफी सादी ने कांग्रेस के सामने एक ऐसी मांग रख दी, जिससे सियासी उलझन और बढ़ गई है। दरअसल कर्नाटक वक्फ बोर्ड Karnataka Waqf board के अध्यक्ष शफी सादी Shafi Sadi ने डिप्टी सीएम के साथ-साथ पांच अहम मंत्रालयों पर मुस्लिम समुदाय का दावा ठोका है। आइए जानते हैं इस मांग की अंदर की कहानी-
कर्नाटक वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शफी सादी ने कहा, ‘ कर्नाटक में उप मुख्यमंत्री किसी मुस्लिम समुदाय के नेता को बनाओ। इसके अलावा 5 मुस्लिम विधायकों को गृह मंत्री, राजस्व, स्वास्थ्य और अन्य खास विभागों की जिम्मेदारी सौंप दो।’
कर्नाटक वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष की मांग के बाद यह जानना जरूरी है कि नवनिवार्चित विधायकों में मुस्लिम समुदाय के कितने कांग्रेसी विधायक Muslim MLA in कर्नाटक कांग्रेस हैं? कर्नाटक में कांग्रेस के 135 नवनिर्वाचित विधायकों में से मात्र 9 मुस्लिम विधायक है। वक्फ बोर्ड की मांग के अनुसार इन 9 में छह को मंत्री बनाना चाहिए।
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष की मांग के पीछे यह दलील दी जा रही है कि कर्नाटक में 70 विधायकों को जीत दिलाने इनके समुदाय की सबसे अहम भूमिका रही है। इसलिए उपमुख्यमंत्री, गृह मंत्रालय के साथ 5 अहम मंत्रालय” पर इनका हक बनता है। कर्नाटक वक्फ बोर्ड की मांग पर कांग्रेस की ओर से कई नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। इन नेताओं ने बताया कि मुस्लिम समुदाय के लिए 6 मंत्रालयों की मांग करने वाले वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शफी सादी भाजपा से जुडे़ है। भाजपा की सरकार में ही शफी सादी को वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था। अब भाजपा की शह पर ही ये कांग्रेस से ऐसी मांग कर रहे हैं।
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष की मांग पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और टीबी डिबेट में कांग्रेस का पक्ष रखने वाले गुरदीप सिंह सप्पल ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘ हमें पूरी उम्मीद है कि आपका चैनल दर्शकों को ये भी बताएगा कि ये माँग करने वाला व्यक्ति BJP से जुड़ा है। BJP ने इस व्यक्ति को कर्नाटक वक़्फ़ बोर्ड का अध्यक्ष बनाया था। और इन जनाब की हिम्मत भी नहीं हुई कि अपनी पार्टी BJP से कह पायें कि वो मुस्लिम समुदाय को एक भी टिकट क्यों नहीं देती। उन्होंने एक न्यूज चैनल को अपने ट्वीट में टैग करते हुए लिखा कि अपने न्यूज़ बुलेटिन में और ट्वीट में ये बताये, ये हमारी माँग है।
कांग्रेस के एक अन्य नेता रवि कुमार जैन ने भी इस मांग पर कहा कि चैनल यह भी बताए कि यह मांग करने वाला भाजपा से जुड़ा है।
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शफी सादी की मांग पर भाजपा की ओर से अमित मालवीय ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, ‘कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री को मुस्लिम होना चाहिए: वक्फ बोर्ड के प्रमुख शफी सादी… उन्होंने कहा, “हमें 30 सीटें दी जाएं (चुनाव लड़ने के लिए)… हमें 15 मिलीं और 9 मुस्लिम उम्मीदवार जीते हैं। लगभग 72 निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस विशुद्ध रूप से मुसलमानों के कारण जीती।
अमित मालवीय ने शफी सादी की मांग को आगे बढ़ाते हुए लिखा कि एक समुदाय के तौर पर हमने कांग्रेस को बहुत कुछ दिया है। अब समय आ गया है कि हमें बदले में कुछ मिले। हम एक मुस्लिम उपमुख्यमंत्री और पांच मंत्री चाहते हैं जिनके पास गृह, राजस्व और शिक्षा जैसे अच्छे विभाग हो। इसके साथ हमें धन्यवाद देना कांग्रेस की जिम्मेदारी है…”
अमित मालवीय ने आगे लिखा कि कांग्रेस की तरह के धर्मनिरपेक्षता की एक कीमत होती है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस अपनी प्रतिबद्धताओं से आगे निकल गई है, यह सोचकर कि वे कभी नहीं जीत पाएंगी, लेकिन दुर्भाग्य से उनके लिए उनकी योजना विफल हो गई है।
कांग्रेस का दावा है कि डिप्टी सीएम और पांच बड़े मंत्रालयों की मांग करने वाले वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शफी सादी से जुड़े हैं। इस दावे की हमने पड़ताल की। जिसमें यह बात छनकर आई कि शफी सादी को कर्नाटक वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष भाजपा सरकार ने बनाया था।
नवंबर 2021 में शफी सादी को वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था। उस समय जो खबरें बनी थी, उसकी हेडिंग में ही यह बात लिखी गई थी कि भाजपा समर्थित शफी सादी कर्नाटक वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष बनाए गए हैं।
शफी सादी ने कांग्रेस की जीत के बाद डिप्टी सीएम और पांच बड़े पद मुस्लिम के लिए मांग तो लिए लेकिन भाजपा की सरकार जब मुस्लिम आरक्षण समाप्त कर रही थी तब उन्होंने चुप्पी की चादर ओढ़ रखी थी। जब हिजाब प्रकरण में कर्नाटक सुलग रहा था तब भी शफी सादी मौन थे।
जब हलाला को लेकर विवाद मचा तब भी सादी का कोई बयान सुर्खियों में नहीं आया। सबसे बड़ी बात यह कि जिस भाजपा ने उन्हें वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष बनाया उससे मुस्लिमों को टिकट देने तक की मांग उन्होंने नहीं की। लेकिन अब कांग्रेस से छह मंत्री पद की मांग कर रहे हैं।