गैर-इस्लामिक विवाह मामले में एक अदालत द्वारा जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को बरी किए जाने के कुछ देर बाद पुलिस ने इमरान खान को पिछलेे साल नौ मई को हुई हिंसा में आतंकवाद से जुड़े मामले में फिर गिरफ्तार कर लिया।

लाहौर की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने इमरान की गिरफ्तारी का आदेश दिया था।

इमरान खान को पिछले साल नौ मई को भड़के दंगों से संबंधित तीन मामलों में गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने इमरान खान को जेल से रिहा करने से इनकार कर दिया। पीटीआई ने अपने नेता खान की नई गिरफ्तारी को “अवैध कारावास को लंबा रखने की नौटंकी” बताया है।

पीटीआई प्रमुख गौहर खान ने इमरान खान को रिहा करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप फर्जी हैं। उन्हें सभी मामलों में इंसाफ मिलेगा।

बता दें कि इस्लामाबाद की एक अदालत में 8 फरवरी को हुए आम चुनाव से कुछ दिन पहले बुशरा बीबी के पूर्व पति खावर फ़रीद मेनका ने शिकायत की थी। मेनका ने आरोप लगाया था कि इमरान खान ने बुशरा बीबी से उनकी इद्दत की अवधि के दौरान शादी की थी।

इस्लाम में, एक महिला तलाक या अपने पति की मृत्यु के चार महीने बाद तक पुनर्विवाह नहीं कर सकती है। इस मामले में सुनाई गई सजा के खिलाफ इमरान ने राजधानी इस्लामाबाद में एक जिला और सत्र अदालत में अपील की थी। वहां अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अफ़ज़ल मजोका ने मामले की सुनवाई की और इमरान व बुशरा को रिहा करने का आदेश दिया।

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