इस बीच आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण इस पूरे मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रख रहे हैं। पवन कल्याण ने वन इंडिया के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान कहा कि लोग इस मुद्दे को प्रसाद का मुद्दा देख रहे हैं।
उन्हें लगता है कि लड्डू और प्रसाद एक ही मुद्दा है, लेकिन मुद्दा सिर्फ प्रसाद का नहीं है बल्कि हम कैसे मंदिर चलाते हैं, हम कैसे निष्कर्स पर निकालते हैं। सनातन धर्म पर हमला पिछले कुछ दशक से लगातार हो रहा है।
पवन कल्याण ने कहा कि मेरे लिए समानता जरूरी है, मुद्दा आज के प्रसाद का नहीं है, जो भी दोषी होगा उसे हम ढूढ़ेंगे और सजा देंगे। यह मुद्दा सुलझ जाएगा, दोषियों को सजा मिल जाएगी, लेकिन मैं इस मुद्दे को इससे आगे देख रहा हूं। मैं इस बात पर ध्यान दे रहा हूं कि भविष्य में इस तरह की घटना ना हो।
समस्या यह है कि हिंदू धर्म पर सबसे ज्यादा हमले हो रहे हैं, लोग खुद हिंदू कहते हैं और वो हिंदू धर्म पर हमला करते हैं, बयान देते हैं और बचकर निकल जाते हैं। लोगों में एकजुटता की कमी है।
भगवान बालाजी के प्रसाद की पवित्रता होती है, लोगों इसे ईश्वर का प्रसाद मानते हैं। रमजान के दौरान लोग खाते नहीं हैं, सोचिए अगर उनके साथ ऐसा कुछ होता है तो उनकी भावना आहत होगी। अगर मुस्लिम मीट खाना चाहता है, वह हलाल खाना चाहता है तो हम उससे नहीं पूछते हैं कि ऐसा क्यों है, यह उनकी आस्था है।
लेकिन जब ऐसा हिंदू धर्म में होता है तो उससे सवाल पूछे जाते हैं, हिंदू एकजुट नहीं हैं, वो बंटे हुए हैं। हिंदू धर्म के लोग ही सनातन धर्म पर सवाल खड़े करते हैं।
तिरुपति मंदिर में भी कुछ नियम है, जो सैकड़ों वर्ष से चल रहे हैं। भक्त लहसुन-प्याज तक नहीं खाते हैं, यह उनकी आस्था है। लेकिन समस्या यह है कि जब उनकी आस्था को ठेस पहुंचाई जाती है तो भक्त आहत होते हैं। मंदिर में हुई इस घटना के लिए यहां की कमेटी जिम्मेदार है।
मैं भी हिंदू हूं, मैं दूसरे धर्म की इज्जत करता हूं, मैं उन हिंदुओं पर सवाल खड़ा कर रहा हूं जो सनातन धर्म का सम्मान नहीं करते हैं।
हमें उन लोगों से लड़ना है जो हिंदू होते हुए भी सनातन धर्म पर सवाल खड़ा करते हैं, उसपर हमला करते हैं। सनातन धर्म में लगातार सुधार होता रहता है, जो इस धर्म की खूबसूरती है। अगर आप नास्तिक भी हैं तो भी सनातन धर्म में आपके लिए जगह है।
तिरुपति में प्रसाद बनाने के लिए जिस घी का इस्तेमाल हुआ था उसमे एनिमल फैट पाया गया। लेकिन दावा किया जा रहा है कि इस मिलावटी घी का इस्तेमाल नहीं किया गया था। इसपर पवन कल्याण ने कहा कि अगर घी का इस्तेमाल नहीं होता तो यह मुद्दा ही नहीं उठता।
प्रकाश राज के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पवन कल्याण ने कहा कि वो मेरे अच्छे मित्र हैं, हमारे संबंध अच्छे हैं, हमारी सोच थोड़ी अलग है। पहली बात तो मुझे नहीं लगता है कि उन्हें मेरे ट्वीट पर जवाब देने की जरूरत नहीं थी। मेरा कहना था कि जो भी इस मामले में शामिल हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्हें लगता है कि वह बहुत बड़े सेक्युलर हैं। ऐसे लोग सोचते हैं वो लोकतंत्र के रक्षक हैं। मेरा सवाल था कि क्या आपने बांग्लादेश पर सवाल किया जहां हिंदुओं पर हमले हो रहे थे। जो खुद को सेक्युलर कहते हैं वो हिंदू धर्म पर तो बोलते हैं लेकिन दूसरे धर्म पर नहीं बोलते हैं।
सेक्युलर का मतलब होता है कि आप सभी धर्म को एक नजर से देखते हैं। किसी भी धर्म में अगर कुछ गलत होता है तो आप उसपर खुलकर बोलते हैं। सनातन धर्म सबसे आसान टार्गेट है, हर कोई बहुत आसानी से इसपर हमला बोल देता है।
जगन मोहन पर खड़ा किया सवाल
जिस तरह से पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने मंदिर में लड्डू के विवाद को राजनीतिक बताया उसपर पवन कल्याण ने कहा कि मैंने टीटीडी पर ही सवाल खड़ा किया है, मैंने सवाल किया कि आखिर किसके नेतृत्व में इस कमेटी का गठन किया गया। पूर्व की सरकार ने ही इस कमेटी का गठन किया।
आप टीटीडी का बचाव कर रहे हैं, इसका मतलब आप इसमे शामिल हैं। आप कह सकते थे कि हमसे गलती हुई, आप कमेटी की जांच कीजिए। आप किसी को इस मुद्दे पर बोलने नहीं देना चाहते हैं, आप कह रहे हैं कि यह राजनीतिक मुद्दा है। सोचिए अगर हिंदू धर्म के अलावा किसी दूसरे धर्म में यह हुआ होता तो क्या होता, पूरी दुनिया में लोग इसको लेकर बोल रहे होते।