असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों को मिलकर आतंकवाद से लड़ना होगा और पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों को दंडित करना होगा। होजई में पंचायत चुनाव रैली को संबोधित करते हुए सरमा ने कहा कि पहले आतंकवादी अपने लक्ष्य की धार्मिक पहचान कभी नहीं पूछते थे, लेकिन पहलगाम में पीड़ितों से पूछा जाता था कि वे किस धर्म से हैं। हिंदुओं से एकजुट रहने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, “एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे।”
सरमा ने कहा कि भाजपा सरकार में सभी धर्मों के लोग सुरक्षित हैं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी को एकजुट होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “हिंदुओं और मुसलमानों को मिलकर आतंकवाद से लड़ना होगा और पाकिस्तान तथा बांग्लादेश जैसे देशों को दंडित करना होगा।” सरमा ने दावा किया कि असम में रहने वाले कुछ लोग अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान का समर्थन कर रहे हैं और चेतावनी दी कि ऐसे किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो। उन्होंने राज्य के एक कांग्रेस सांसद के बारे में भी बात की, जो सरकार को सूचित किए बिना 15 दिनों तक “पाकिस्तान में रहे”।
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने का निर्णय आक्रामक कूटनीति के नए युग की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि इस संधि को निलंबित करना भारत का पलटवार है क्योंकि जल सुरक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी हुई है। मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन में आतंकवादियों ने हमला कर 26 लोगों की हत्या कर दी थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।