उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए हादसे की न्यायिक जांच के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन कर दिया गया है। प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल द्वारा बुधवार रात इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया।

न्यायिक जांच आयोग में रिटायर्ड आईएएस हेमंत राव और रिटायर्ड आईपीएस भवेश कुमार सिंह को सदस्य नियुक्त किया गया है। इसका मुख्यालय लखनऊ में होगा। आयोग इस नोटिफिकेशन जारी होने की तारीख से दो माह की अवधि के भीतर जांच पूरी करेगा। इसकी अवधि में किसी प्रकार का परिवर्तन राज्य सरकार के आदेश पर किया जा सकेगा।

नोटिफिकेशन के अनुसार आयोग 2 जुलाई, 2024 को हाथरस जनपद में घटित घटना की जांच करेगा और जांच के बाद निर्धारित बिंदुओं पर राज्य सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।

इसमें कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा, जिला प्रशासन द्वारा प्रदान की गई अनुमति एवं उसमें दी गई शर्तों के अनुपालन की जांच शामिल है। साथ ही, आयोग यह घटना कोई दुर्घटना है अथवा कोई षडयंत्र या अन्य कोई सुनियोजित आपराधिक साजिश है, इसकी भी पड़ताल करेगा।

इसके अतिरिक्त जिला प्रशासन एवं पुलिस द्वारा कार्यक्रम के दौरान भीड़ नियंत्रण तथा कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए किए गए प्रबंध एवं उनसे संबंधित अन्य पहलुओं की जांच भी आयोग के कार्यक्षेत्र में होगा।

आयोग उन कारणों एवं परिस्थितियों पर भी गौर करेगा, जिसके कारण घटना घटित हुई। भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के संबंध में भी आयोग सुझाव देगा।

ज्ञात हो कि दो जुलाई को हाथरस स्थित सिकंदराराऊ के गांव फुलरई में सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 श्रद्धालुओं की मौत हो गई।

हादसे के तुरंत बाद मुख्य सचिव और डीजीपी हाथरस आ गए और पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली। बुधवार को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आकर पूरे घटनाक्रम को जाना। मामले की त्रिस्तरीय जांच की जा रही है।

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