राहुल गांधी ने शुक्रवार को हाथरस का दौरा किया। इस दौरान राहुल गांधी ने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि मृतक के परिजनों ने उन्हें बताया कि धार्मिक आयोजन के लिए पर्याप्त पुलिस व्यवस्था नहीं की गई थी, जिसके कारण भगदड़ मची। मंगलवार को हाथरस में हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई, जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं।
राहुल गांधी ने कहा कि वह इस त्रासदी का राजनीतिकरण नहीं करना चाहते। उन्होंने मृतकों के परिवारों के लिए अधिक मुआवजे की मांग की। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने बैठक के बाद कहा, “यह एक दुखद घटना है। कई लोगों की मौत हो गई है। मैं इसे राजनीतिक चश्मे से नहीं कहना चाहता, लेकिन प्रशासन की ओर से कमियां रही हैं और महत्वपूर्ण बात यह है कि अधिकतम मुआवजा दिया जाना चाहिए क्योंकि वे गरीब परिवार हैं। मैं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से अनुरोध करता हूं कि वे खुले दिल से मुआवजा प्रदान करें। यदि मुआवजे में देरी होती है, तो इससे किसी को भी फायदा नहीं होगा। मैंने मृतक के परिवार के सदस्यों के साथ व्यक्तिगत रूप से बात की और उन्होंने मुझे बताया कि कोई पुलिस व्यवस्था नहीं थी। वे सदमे में हैं और मैं बस उनकी स्थिति को समझना चाहता था…”
गांधी के साथ मौजूद कांग्रेस नेता दानिश अली ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार इस त्रासदी को गंभीरता से नहीं ले रही है। उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम राहुल गांधी के साथ सुबह पांच बजे ही निकल गए थे। पीड़ितों की कहानियां दिल दहला देने वाली हैं… न तो प्रशासन की कोई जिम्मेदारी तय की गई है और न ही सरकार इसे गंभीरता से ले रही है।”
भगदड़ की घटना भोले बाबा के एक धार्मिक आयोजन में हुई। यूपी पुलिस ने इस आयोजन के छह आयोजकों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, मुख्य आरोपी फरार है। भोले बाबा का नाम एफआईआर में नहीं है। राहुल गांधी शुक्रवार सुबह हाथरस के लिए रवाना हुए। उन्होंने रास्ते में अलीगढ़ के दो गांवों का दौरा किया, जहां उन्होंने उन परिवारों से मुलाकात की जिन्होंने भगदड़ में अपने प्रियजनों को खो दिया था। यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की है। कांग्रेस ने वर्तमान न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक जांच की मांग की है।