संभल से सपा सांसद जिया उर्रहमान बर्क को बिजली चोरी के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से आंशिक राहत मिली है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि वे विद्युत विभाग में 6 लाख रुपये जमा करें, जिसके बाद उनका बिजली कनेक्शन पुनः जोड़ा जाए। मंगलवार को सांसद के अधिवक्ताओं मौ. कासिम जमाल, मौ. नईम और फरीद अहमद ने संभल स्थित विद्युत कार्यालय में 6 लाख का ड्राफ्ट जमा कर कनेक्शन बहाल करने की मांग की।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सांसद बर्क की याचिका पर सुनवाई करते हुए 1.91 करोड़ रुपये के जुर्माने पर फिलहाल रोक लगा दी है। अदालत ने कहा है कि अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी और तब तक जुर्माना नहीं वसूला जाएगा। कोर्ट ने पावर कॉर्पोरेशन के अधिवक्ता को संबंधित दस्तावेज पेश करने का निर्देश भी दिया है।

सांसद के वकील का तर्क – 12 साल पुराना असेसमेंट गैरकानूनी

सांसद के अधिवक्ता विधान चंद्र राय ने कोर्ट में दलील दी कि विद्युत विभाग ने करीब 12 साल (4,138 दिन) पुराना असेसमेंट किया है, जो नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार विभाग सिर्फ 365 दिन तक का ही असेसमेंट कर सकता है। इसलिए अधिशासी अभियंता का आदेश कानूनन गलत है।

19 दिसंबर को हुई थी चेकिंग, मीटर से छेड़छाड़ का आरोप

विद्युत विभाग की टीम ने 19 दिसंबर 2024 की सुबह 7:30 बजे सपा सांसद के दीपा सराय स्थित आवास पर छापा मारा था। जांच के दौरान परिसर में 16 किलोवॉट बिजली की खपत पाई गई, जबकि नाम पर केवल 2-2 किलोवॉट के दो कनेक्शन थे। मीटर पर पिछले छह महीने से शून्य यूनिट की रीडिंग आ रही थी। जांच में मीटर से छेड़छाड़ और बिजली चोरी की पुष्टि हुई, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज की गई।

सांसद के पिता का आरोप – सरकार का राजनीतिक दबाव

कार्रवाई के दिन घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात रहा और उसी दिन बिजली कनेक्शन काट दिया गया। इस पर सांसद के पिता ममलूकुर्रहमान बर्क ने आरोप लगाया कि यह पूरी कार्रवाई राजनीतिक एजेंडे के तहत की गई है। उन्होंने कहा कि घर में 10 किलोवॉट का सोलर पैनल लगा है, इसलिए बिजली की खपत कम दिखाई दी।

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