भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को अदालत से घरेलू हिंसा मामले में जमानत मिल गई है। यह मुकदमा उनकी पत्नी हसीन जहां ने साल 2018 में दर्ज कराया था। उस समय हसीन उत्तर प्रदेश के अमरोहा में रहती थीं। 19 सितंबर को शमी ने खुद कोर्ट में पेश होकर 2 हजार के निजी मुचलके पर जमानत ली। शमी के साथ उनके बड़े भाई को भी जमानत मिल गई है। शमी के बड़े भाई पर छेड़छाड़ का आरोप था। कोर्ट ने मोहम्मद शमी को एशिया कप से पहले 30 दिन में जमानत कराने के आदेश दिए थे। वनडे विश्व कप से पहले घरेलू हिंसा से जुड़े मामले में मिली जमानत को शमी के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा। हालांकि इस जमानत पर उनकी पत्नी हसीन जहां ने कहा कि शमी को राहत नहीं मिली है, बल्कि उनका घमंड टूटा है।
हसीन जहां ने मोहम्मद शमी की जमानत की खबरों की कटिंग शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर लंबी-चौड़ी पोस्ट लिखी है। जिसमें उन्होंने भारतीय पेसर पर गंभीर आरोप लगाने के साथ नसीहत भी दी है। उन्होंने लिखा, “कुछ लोग खुद को कानून से बढ़कर समझते हैं, लेकिन भारत में कानून से बड़ा कोई नहीं। भारतीय कानून किसी के आगे बिकता नहीं है। ये बात शमी के मामले से साबित होती है।”
हसीन ने आगे लिखा, “इतना बड़ा क्रिकेटर, इतना नाम और शोहरत फिर भी कुछ काम नहीं आया। उन्हें जमानत लेने कोर्ट जाना ही पड़ा। उन्होंने कहा कि मीडिया भले ही शमी के जमानत मिलने को राहत माने पर मेरी नजर में ये उनका घमंड टूटा है। शमी के वकील को मेरे वकील के पैर पकड़ने पड़े कि उनके मुवक्किल का करियर बर्बाद हो जाएगा। सीनियर वकीलों की भीड़ इकठ्ठी करनी पड़ी सिफारिश लगाने के लिए। मेरे वकील को पैसे भी देने को रेडी हुए ताकि शमी अहमद और उसके भाई हसीब को कोर्ट में हाजिरी देने ना आना पड़े।”
हसीन ने अपने इस पोस्ट में शमी को एक नसीहत भी दी है। उन्होंने शमी को नसीहत देते हुए लिखा “शमी अभी भी वक्त है सुधर जाओ नहीं तो बहुत पछताओगे। जो क्रिमिनल होते हैं वे अतीक अहमद जैसी मौत मरते हैं। किसी के बहकावे में आकर खुद को गुनाहों में और नहीं धकेलो। इस देश का कानून और अल्लाह तुम्हें नहीं बख्शेंगे।”