उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा से प्रदूषित पानी b नदी में बहता है। ये प्रदूषित पानी गुरुग्राम नहर यानी (दिल्ली के ओखला बैराज के नीचे) में जाता है। ये जानकारी हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में दी है।

कांग्रेस के नूह क्षेत्र के विधायक आफताब अहमद द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में राज्य सरकार ने कहा कि प्रदूषित अपशिष्ट नहर के पानी की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है और बदले में वनस्पतियों और जीवों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। कांग्रेस विधायक ने पूछा था कि क्या यह सच है कि प्रदूषित नहर का पानी गुरुग्राम नहर में छोड़ा जा रहा है। अहमद ने यह भी जानना चाहा कि इस समस्या के समाधान के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

सरकार ने बताया कि यमुना नदी के जलग्रहण क्षेत्र के सभी कस्बों और शहरों में सीवेज लाइनें बिछा दी गई हैं और इस संबंध में यमुना कार्य योजना लागू की जा रही है, जिसकी प्रगति की समीक्षा हरियाणा के मुख्य सचिव द्वारा नियमित रूप से की जाती है।

केंद्र सरकार के जल शक्ति सचिव विभिन्न बेसिन राज्यों की यमुना कार्य योजनाओं के कार्यान्वयन की स्थिति की भी समीक्षा करते हैं। सरकार के लिखित बयान के अनुसार, यमुना नदी में गिरने वाले 34 शहरों में प्रतिदिन 1,239 मिलियन लीटर (एमएलडी) सीवेज उत्पन्न होता है और इस क्षेत्र में 1,526 एमएलडी क्षमता के 89 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किए गए हैं। 89 एसटीपी में से 987 एमएलडी के 65 एसटीपी पिछले 10 वर्षों में बनाए गए हैं।

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