चंडीगढ़ । विदेशों में बैठकर खालिस्तान मूवमेंट को बढ़ावा देने वाले आतंकियों की तमाम कोशिशों के बाद भी हरियाणा में खालिस्तान गतिविधि को रिस्पांस नहीं मिल सका। हालांकि पिछले दो वर्षों में किसान आंदोलन के दौरान कुछ मौकों पर खालिस्तान समर्थकों की गूंज जरूर सुनाई दी लेकिन खुफिया एजेंसियों की सतर्कता से मूवमेंट आगे नहीं बढ़ पाया। सिख फॉर जस्टिस के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू की कॉल हो या फिर खालिस्तान समर्थक एवं ‘बारिस पंजाब दे’ संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह का हरियाणा में शरण लेना हो, इन सभी मामलों से खालिस्ताने का नाम जरूर सामने आया। खालिस्तानी आतंकियों के समूहों के इशारे पर काम करने वाले कई आतंकियों को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। बीते दिनों एन.आई.ए. ने राज्य के करनाल व सिरसा जिले में विदेशी फंडिंग की सूचना पर खालिस्तान समर्थकों के कई ठिकाने पर रेड की थी, जिसमें जांच एजैंसी को अहम सबूत हाथ लगे थे।
तीन कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय तक हरियाणा दिल्ली बार्डर पर चले किसान आंदोलन के दौरान कई मौकों पर खालिस्तान समर्थकों के होने के इनपुट मिले थे। आंदोलन की रणनीति के तहत जब किसानों की दिल्ली में अहम रैली हुई थी। उस दौरान खालिस्तान समर्थकों की मौजूदगी का दावा किया है। उस समय सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वे लोग नारा लगा रहे थे। इस तरह के कई मामले किसान आंदोलन के दौरान देखने को मिले, जिसमें भारी संख्या में विदेशों से फंड आने की बात सामने आई। एन.आई.ए. सहित कई जांच एजेंसियों ने इस मामले में कई लोगों के खिलाफ जांच भी की थी।
बीते मार्च महीने में अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद की न्यू सिद्धार्थ कॉलोनी में अपना ठिकाना बनाया था। यह 24 घंटे से ज्यादा समय तक एक महिला के घर छिपा रहा। बाद में वहाँ से फरार हो गया था।मामला खुला तो कुरुक्षेत्र पुलिस सक्रिय हो गई और कथित पनाहगार महिला बलजीत कौर को गिरफ्त में लेकर उसे पंजाब एस.टी.एफ. को सौंप दिया था। महिला ने माना था कि अमृतपाल यहां से उत्तराखंड के लिए निकला था। बताया गया कि अमृतपाल सिंह के बेहद करीबी रहे पपलप्रीत सिंह ने शाहाबाद की बलजीत कौर को अपने संपर्क में लिया था और उनके घर पर रुकने की बात की थी, जिसके बाद अमृतपाल सिंह और पपलप्रीत सिंह महिला बलजीत कौर के घर पहुंचे थे। चर्चा है कि सोशल मीडिया पर महिला अमृतपाल की समर्थक रही है। उसके भाई के इंस्टाग्राम व फेसबुक अकाऊंट पर अक्सर अमृतपाल सिंह के समर्थन से जुड़ी सामग्री देखी गई थी।
वर्ष करनाल पुलिस ने इंटेलीजेंस ब्यूरो (आई.बी.) की सूचना पर नैशनल हाईवे स्थित बसताड़ा टोल प्लाजा के पास से एक इनोवा कार में चार आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इनके पास से करीब साढ़े सात किलो आई.ई.डी. (विस्फोटक सामग्री), पाकिस्तान निर्मित एक पिस्टल, मैगजीन, 31 जिंदा कारतूस, छह मोबाइल फोन और 1.30 लाख रुपए नकद बरामद किए गए थे। ये सामग्री पाकिस्तान में बैठे आतंकी हरिवंद्र सिंह रिंदा द्वारा भेजी गई लोकेशन पर पंजाब के फिरोजपुर जिले से तेलंगाना के आदिलाबाद ले जाई जा रही थी। इन आरोपियों में गुरप्रीत, अमनदीप, परविंद्र और भूपेंद्र सभी चारों पंजाब के रहने वाले थे जिनका संबंध बब्बर खालसा ग्रुप से बताया गया था।
खालिस्तान समर्थक आतंकवादी समूहों के इशारे पर काम करने के आरोप में सोनीपत पुलिस ने 4 लोगों की गिरफ्तार किया था। आरोपी पंजाब और दूसरी जगहों पर निशाना बनाकर हत्याएं करने की योजना बना रहे थे। इनके पास से ए. के.-47 और तीन पिस्तौल समेत दूसरे हथियार बरामद हुए थे और वह सभी हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले थे आरोपी सोशल मीडिया के जरिए खालिस्तान टाइगर फोर्स और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के संपर्क में थे। पुलिस को पंजाब पुलिस और खुफिया एजेंसियों से संदिग्धों के बारे में कुछ जानकारी मिली थी, जो सोनीपत के रहने वाले हैं। ये अवैध हथियार खालिस्तानी समर्थक आतंकवादियों ने मुहैया करवाए थे, जो विदेश में रहते हैं।
प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ ने खालिस्तान घोषणा दिवस की 36वीं वर्षगांठ पर बीते 29 अप्रैल को हरियाणा के गुड़गांव से अंबाला तक डी.सी. कार्यालयों पर खालिस्तान के झंडे फहराने के लिए कहा था लेकिन पन्नू के दावे को कोई रिस्पांस नहीं मिला। हालांकि इस दौरान पुलिस प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से सतर्क रही।
खालिस्तान समर्थक समूहों के फंडिंग चैनलों की जांच के लिए एन.आई.ए. ने हरियाणा के कई जिलों में रेड की थी। जांच टीम ने करनाल में छापामारी कर कई लोगों से घंटों तक पूछताछ तक अहम दस्तावेज हासिल किए थे। बताया गया था कि इस रेड में जांच टीम ने इस बात का खुलासा किया था कि उसके घर का एक सदस्य विदेश में बैठकर टेरर फंडिंग करता है।
आतंकी पन्नू ने पत्र के जरिए हरियाणा में एस.एफ. जे. में स्वयंसेवकों की भर्ती का ऐलान किया था। उसने हरियाणा बनाएगा खालिस्तान अभियान शुरू करने के साथ ही जनमत संग्रह के माध्यम से हरियाणा को भारतीय कब्जे से मुक्त कराने की वकालत की थी। एस.एफ. जे. ने खालिस्तान जनमत संग्रह से भारत से अलग होने के लिए निर्धारित क्षेत्रों का एक नक्शा भी जारी किया था लेकिन उसका दावा फुस्स साबित हुआ।
आतंकी पन्नू ने कई बार हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और गृह मंत्री अनिल विज को आडियो फोन कॉल के जरिए धमकी दी। पन्नू ने धमकी भरे अंदाज में कहा था कि हरियाणा बनेगा खालिस्तान। अगर इसमें मुख्यमंत्री और गृह मंत्री ने कोई अड़चन डाली तो फिर उनकी खैर नहीं होगी। पन्नू की इन धमकियों को लेकर अलग-अलग जिलों में उसके खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया।
उत्तरी क्षेत्र में गैंगस्टर ईको-सिस्टम के खिलाफ समन्वित कार्रवाई और संचालन के लिए एक सामूहिक संस्थागत तंत्र बनाकर संयुक्त लिस्टिंग समिति का नाम दिया गया है। पिछले दिनों एन.आई.ए. चीफ दिनकर गुप्ता की अध्यक्षता में उत्तरी राज्यों की एक अहम बैठक पंचकूला में हुई थी, जिसमें उक्त मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श कर हर महीने समिति की बैठक आयोजित करने का फैसला लिया गया था। बैठक में उत्तरी राज्यों में सक्रिय संगठित आपराधिक सिंडिकेट/समूहों के लीडर और सदस्यों की गतिविधियों और उनसे जुड़े विभिन्न आपराधिक मामलों में चल रही जांच पर भी चर्चा हुई। संगठित आपराधिक आतंकी सिंडिकेट के खतरे से निपटने के लिए TIGATION एन.आई.ए. डी. जी. द्वारा संचालित यह दूसरी ऐसी बैठक थी। एन.आई.ए चीफ ने विभिन्न पुलिस एजेंसियों और बलों के बीच निष्कर्षो और इनपुट को साझा करके ऐसे सिडिकेट से सामूहिक रूप से निपटने के लिए इन बैठकों की शुरूआत की थी। उत्तरी क्षेत्र में इन आपराधिक सिंडिकेटों द्वारा बढ़ते खतरे को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए एन.आई.ए., पंजाब पुलिस, चंडीगढ़ पुलिस और हरियाणा पुलिस के बीच सहयोग और जानकारी साझा करने का आह्वान किया।
हरियाणा में खालिस्तान से जुड़ा एक और मामला सामने आया था, जिसमें गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हिसार जिले के बरवाला में खेद पावर प्लांट के पास रेलवे लाइन को उखड़वाने की जिम्मेदारी सिख फॉर जस्टिस ने ली थी। इसका एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें 14 जुलाई 2022 की डेट लिखी गई थी। उसके बाद रेलवे ट्रैक की मुरम्मत का काम करवा दिया गया था। जिस खेद पावर प्लांट की रेलवे लाइन को उखाड़ा गया था, वहां रेल कोयला लेकर जाती है।
डी.जी.पी. हरियाणा पी.के. अग्रवाल ने इन आपराधिक सिंडिकेट के नेटवर्क को नष्ट करने, उनकी गतिविधियों को बाधित करने और न्याय सुनिश्चित करने के लिए त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया था। उन्होंने प्रतिभागियों को आश्वस्त किया कि हरियाणा पुलिस संगठित अपराध से निपटने के समन्वित प्रयासों 0- में समर्थन और सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।