सीतापुर हत्याकांड जिसमें 6 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। इस घटना को अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि घर का बड़ा बेटा अजीत था। अजीत ने ही अपनी मां, भाई, भाभी और तीन बच्चों को मार दिया। पुलिस ने जब सख्ती की तो उसने पूरी घटना बताई।
हत्यारे अजीत ने बताया कि सबसे पहले मैंने अपनी भाभी के सीने में गोली मारी थी। गोली की आवाज सुनकर जब मां पहुंची तो उन पर हथौड़े से वार कर घायल कर दिया था। उसके बाद अनुराग व उसके तीनों बच्चों को मौत के घाट उतारा। कुछ देर घायल मां के पास बैठा रहा। फिर अचानक उनका सिर कूंच दिया था।
अजीत सबसे ज्यादा जलन प्रियंका सिंह से रखता था। इसलिए वह 11 मई की रात असलहा और हथौड़ा लेकर उनको ही मारने के लिए छत पर पहुंचा था। सोते वक्त ही उसने प्रियंका के सीने में गोली मार दी थी।
गोली चलने की आवाज जब सुनाई दी तो अजीत की मां सावित्री वहां पहुंची। उनको देख उसने उन पर हथौड़े से वार कर दिया। वह घायल होकर वहीं गिर गईं। उसके बाद अनुराग के कमरे में गया। उसको दो गोलियां मारीं। फिर वह ऊपर आया। अनुराग के तीनों बच्चों की हत्या की। सबसे बाद में उसने मां को मारा।
मां ने कहा था कि वह वहां से चला जाए उसने बताया कि मां ने कहा था कि वह वहां से चला जाए। मैं पूरी तरह सनक में था। ऐसा लगा कि अगर मां जिंदा रहेगी तो वह कैसे उनका सामना करेगा। ये सोचते ही अजीत ने मां सावित्री पर कई वार कर दिए।
पुलिस ने अजीत के अलावा उसके कई रिश्तेदार और परिचितों की भूमिका खंगाली है। सभी मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल खंगाली और लोकेशन देखी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच में किसी अन्य की वारदात में भूमिका नहीं पाई गई है। जांच के मुताबिक अकेले अजीत ने पूरी वारदात को अंजाम दिया।
दरअसल, रामपुर मथुरा इलाके के पल्हापुर गांव निवासी अनुराग सिंह (45) पत्नी प्रियंका सिंह (40) और मां सावित्री (62) के अलावा तीन बच्चे बेटी अस्वी (12), अर्ना (8) और पुत्र आद्विक (4) के खून लथपथ शव मिले थे।