पत्नी की गला दबाकर हत्या कर लाश को गेहूं के खेत में फेंकने के आरोपी बहेड़ी गौरी खेड़ा निवासी यशपाल उर्फ इशमेंद्र को परीक्षण में दोषी पाया गया। अपर सत्र न्यायाधीश हरेंद्र बहादुर सिंह ने उसे आजीवन कारावास और 60 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माने की आधी रकम मृतका के पिता वादी मुकदमा को दी जाएगी। वहीं यशपाल के दोस्त पुष्पेंद्र को बरी कर दिया।
सरकारी वकील रीतराम राजपूत ने बताया कि पीड़िता के पिता भागीरथ उर्फ हरीश चंद्र ने थाना बहेड़ी में तहरीर देकर बताया था कि उन्होंने बेटी गीता की कुंवरसेन के साथ शादी की थी। कुंवरसेन की दुर्घटना में मृत्यु होने पर उसके छोटे भाई यशपाल के साथ शादी कर दी थी। शादी के बाद से ही यशपाल गीता के साथ मारपीट कर चरित्र पर शक करता था। 31 मार्च 2017 को गीता से बात न हो पाने के कारण उसकी ससुराल पहुंचे तो यशपाल ने कहा कि गीता को ठिकाने लगा दिया है।
रिश्तेदार विजय ने गीता को 29 मार्च 2017 की शाम यशपाल और उसके दोस्त पुष्पेंद्र के साथ देखा था। पुलिस ने हत्या, षडयंत्र की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर यशपाल को गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर नहर की पटरी ग्राम देवीपुरा स्थित गेहूं के खेत से गीता की लाश बरामद की थी। पुलिस ने यशपाल और उसके दोस्त पुष्पेंद्र के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। शासकीय अधिवक्ता ने 11 गवाह पेश किये थे।