वैसे तो ‘जोगीरा सारा रा रा’ का ट्रेलर देखकर अंदाजा लग गया था कि फिल्म की कहानी बेहद साधारण है लेकिन उसको ख़ास बनाया है नवाजुद्दीन सिद्दिकी उर्फ जोगी प्रताप और नेहा शर्मा उर्फ डिंपल की जोड़ी ने। जोगी एक मस्तमौला नौजवान है, उसे ना ही खुद की शादी की चिंता है और ना ही अपनी जवान बहनों की शादी की। लेकिन लखनऊ में वह एक जाना-माना मैचमेकर है, जो जुगाड़ू नाम से फेमस है। एक दिन शहर के चौबे परिवार अपनी बेटी डिंपल चौबे (नेहा शर्मा) की शादी करवाने के लिए उससे संपर्क करता हैं। तब जोगी, डिंपल चौबे को देखकर चौंक जाता है।
ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि कुछ ही दिन पहले एक शादी समारोह में जोगी प्रताप का डिंपल चौबे से सामना हुआ था, और उसे वहां पर शराब पीते, नाचते-गाते और पार्टी, हंगामा करते देखा था। दोनों में नोंक-झोंक भी हुई थी। तब जोगी ने गुस्से में कहा था कि गूगल में खोजने से भी उसके जैसा लड़का नहीं मिलेगा।
फिल्म की कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब डिंपल, जोगी को बताती है कि उसकी शादी बिना उसकी मर्जी के किसी लल्लू (महाक्षय चक्रवर्ती) से हो रही है। जिसके बाद वह जोगी से शादी रुकवाने केलिए कुछ जुगाड़ करने को कहती है। जिसके बाद जोगी का जुगाड़ू अभियान चलता है और कहानी डिंपल की फेक किडनैपिंग, फेक प्रेग्नेंसी से लेकर चरमराते चौधरी गैंग के चाचा चौधरी (संजय मिश्रा) तक जाती है तो समझना मुश्किल हो जाता है सीधे रस्ते की आखिर इतनी टेढ़ी चालें क्यों चली गई हैं।
नवाजुद्दीन सिद्दिकी हमेशा से ही अपने रोल से फैंस को सरप्राइज करते आए हैं। उनकी सीरियस शक्ल पर जाने वाला नहीं है क्योंकि एक्टर जितने सीरियस लगते हैं उतनी ही कमाल की कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों का दिल जीत लेते हैं। फिल्म ‘जोगीरा सारा रा रा’ में एक्टर ने साबित कर दिया है आप उन्हें कोई भी किरदार दे दें, उसमें वो पूरी तरह से जान डाल देते हैं। अभी तक तो उनके सीरियस रोल की चर्चा होती थी लेकिन अब उनकी कॉमेडी की चर्चा भी होगी।
डायरेक्टर कुषाण नंदी ने छोटे शहर की कहानी को हंसी मजाक के साथ बहुत ही अच्छे तरीके से दिखाया है। फिल्म को ग़ालिब असद भोपाली ने लिखा है और उनकी राइटिंग भी काफी अच्छी है। पूरी टीम की मेहनत बड़े परदे पर रंग लाने में सफल हुई हैं।
अगर इस वीकेंड आप फैमिली के साथ फिल्म देखने का मन बना रहे हैं तो नवाजुद्दीन सिद्दिकी और नेहा शर्मा ‘जोगीरा सारा रा रा’ जरूर देखें। यह एक हल्के-फुल्के मनोरंजन की टाइम पास फिल्म है। अगर आप सिनेमा हॉल फिल्म देखने जा रहे हैं तो ठान कर बैठिए कि बस केवल ह्यूमर का आनंद उठाना है।
फिल्म के गाने बस झुमाने वाले हैं लेकिन यादगार नहीं हैं। फिल्म के अंत में जब नवाजुद्दीन सिद्दीकी नेहा शर्मा से एक बार फिर कहते हैं गूगल में भी ढूंढ़ने पर उसके जैसा लड़का नहीं मिलेगा। यकीन मानिए फिल्म की कहानी और किरदार भी कुछ इसी मिजाज के हैं, इन्हें गूगल में भी नहीं खोजा जा सकता।