बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर सियासत तेज हो गई। पूरा विपक्ष शाह से माफी मांगेने की बात पर अड़ा है। इसी कड़ी उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कड़ी नारजगी जताई है। मायावती ने इसे लेकर ताबड़तोड़ चार ट्वीट की। उन्होंने कहा कि बीजेपी के अमित शाह द्वारा संसद में दलित व अन्य उपेक्षित वर्गों के मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के बारे में जिन शब्दों का इस्तेमाल किया गया है उससे इन वर्गों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है। ऐसे में उन शब्दों को वापस लेकर इनको पश्चाताप भी जरूर करना चाहिए।
उन्होंने इसे लेकर कांग्रेस पर भी हमला बोला। मायावती अपने दूसरे पोस्ट में कहा कि वैसे कांग्रेस, भाजपा व इनकी सहयोगी दलों का चाल, चरित्र व चेहरा बाबा साहेब डा. अम्बेडकर व उनके करोड़ों दलित-पिछड़े, शोषित-पीड़ित अनुयाइयों के हित व कल्याण के प्रति हमेशा संकीर्ण व जातिवादी रहने के कारण इनके सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक हालात लगातार बदतर, इससे इंकार असंभव।
मायावती ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के प्रति दिल से सम्मान नहीं करना व उनके अनुयाइयों के विरुद्ध अन्याय-अत्याचार तथा इनको संवैधानिक व कानूनी हक देने के बजाय छीनने में भी यह पार्टियाँ एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। इसको लेकर सत्ता व विपक्ष के बीच जारी तकरार केवल वोट के स्वार्थ की राजनीति। साथ ही, संविधान का जगह-जगह लहराना व नीला रंग पहनना आदि दिखावे की सस्ती राजनीति। यह सब करने के पहले सत्ता व विपक्ष दोनों को अपने दिल में पड़े संकीर्णता, जातिवाद एवं द्वेष आदि के कालेपन को साफ करके पाक-साफ करना होगा तभी इन वर्गों का व देश का भी सही हित संभव।