दिल्ली पुलिस ने आप सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी विभव कुमार के खिलाफ साक्ष्य मिटाने और गलत जानकारी देने के लिए आईपीसी की धारा जोड़ी है। कुमार पर 13 मई को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर मालीवाल पर हमला करने का आरोप है। अधिकारी ने कहा कि मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना, या अपराधी को गलत जानकारी देना) जोड़ी गई थी। उन्होंने कहा कि धारा 201 में अपराध में सबसे बड़े अपराध के लिए दी गई सजा का छठा हिस्सा कारावास का प्रावधान है। कुमार के खिलाफ एफआईआर 16 मई को आईपीसी के प्रावधानों के तहत दर्ज की गई थी, जैसे कि किसी महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से आपराधिक धमकी, हमला या आपराधिक बल और गैर इरादतन हत्या का प्रयास करना।

दिल्ली महिला आयोग की पूर्व प्रमुख मालीवाल ने आरोप लगाया कि जब वह केजरीवाल से मिलने गई थीं तो कुमार ने उन पर पूरी ताकत से हमला किया, थप्पड़ मारे और लात मारी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, 18 मई को जब कुमार को केजरीवाल के आवास से गिरफ्तार किया गया तो उनका मोबाइल फोन फॉर्मेट किया हुआ पाया गया।

दिल्ली लौटने से पहले वह मुंबई में थे। पुलिस कुमार को दो बार मुंबई ले गई। अधिकारी ने कहा कि संदेह है कि उसने अपने मोबाइल फोन को मुंबई में फॉर्मेट किया था, लेकिन उसने यह नहीं बताया कि उसने इसे कहां फॉर्मेट किया था या उस व्यक्ति का जिसके साथ उसने डेटा साझा किया था।

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