इंदौर। सरस्वती नदी पर पैदल पुल बनाने की प्लानिंग नगर निगम ने डेढ़ वर्ष पहले की और निर्माण को लेकर ठेका भी दे दिया। लेकिन कागजों पर बनी प्लानिंग धरातल पर अब तक नहीं आ पाई हैं। इस कारण पैदल पुल स्मार्ट सिटी कंपनी और नगर निगम के बीच झूल रहा हैं। पुल निर्माण में बाधित नदी किनारे की दुकानों को हटाने में निगम नाकाम साबित हो रहा है और जिम्मेदार अफसर एक-दूसरे पर ढोल रहे हैं, जबकि पुल निर्माण का कार्य टाइम लिमिट में भी हैं।
सीपी शेखर नगर के पास सरस्वती नदी पर पैदल पुल और स्टाप डेम बनाने की प्लानिंग डेढ़ वर्ष पहले सितंबर-2021 में बनाई गई। इसके तहत टेंडर जारी होने के साथ मंजूर भी हो गए। स्मार्ट सिटी कंपनी ने टेंडर जारी कर ठेका इंदौर की ही आकार कंट्रक्शन कंपनी को दिया और वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया। ठेकेदार एजेंसी ने स्टाप डेम का निर्माण शुरू कर दिया ताकि नदी में छोड़े जाने वाले सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और बरसात के पानी को रोका जा सकें। स्टाप डेम का निर्माण तो शुरू हो गया, मगर काम की चाल कछुआ होने से लेट-लतीफी हो रही है। इस कारण डेम समय पर नहीं बन पाया और नदी में पानी नहीं रुकने से वह खाली-खाली नजर आने के साथ गाद ही भरी दिखती है।
इधर, प्लानिंग के अनुसार सरस्वती नदी पर पैदल पुल सीपी शेखर नगर बस्ती खाली करवाने के बाद डेवलप किए गए बगीचे और पागनीसपागा रोड के बीच बनाया जाना है। लोग नदी के ऊपर से आसानी से आना-जाना कर सकें, इसके लिए यह पुल बनाने की प्लानिंग की गई पर ठेका देने के बावजूद काम डेढ़ वर्ष में भी शुरू नहीं हो पाया है। इसकी वजह मोतीतबेला चौराहे की तरफ नदी किनारे बनी दुकानों का नहीं हटना है। पैदल पुल निर्माण में बाधित इन 10-15 दुकानों के न हटने से निर्माण अटका पड़ा है। पैदल पुल स्मार्ट सिटी कंपनी और निगम में झूल रहा है। मामले में स्मार्ट सिटी कंपनी के अफसरों का कहना है कि पैदल पुल बनाने की हमारी पूरी तैयारी है, किंतु दुकानों के न हटने से काम अटका पड़ा हैं। पैदल पुल निर्माण को लेकर निगमायुक्त से लेकर टाइम लिमिट बैठक में चर्चा हो गई है। दुकानों को हटाने की कार्रवाई निगम मॉर्केट विभाग को करना है। मार्केट विभाग के अफसरों का कहना है कि दुकानें हमें नहीं रिमूवल विभाग को हटाना है। इस तरह अफसर पुल निर्माण करने के बजाय एक-दूसरे पर ढोल रहे हैं।
जिस तरह से संजय सेतु के पास पैदल पुल बना है, उसी तरह का निर्माण सरस्वती नदी पर पैदल पुल बनाया जाना है। पैदल पुल का निर्माण सितंबर वर्ष-2022 तक पूरा करने की मियाद रखी गई, किंतु निर्माण अभी तक शुरू नहीं हुआ और काम पूरा होने की मियाद निकल गई। गौरतलब है कि कान्ह-सरस्वती नदी शुद्धीकरण के साथ सौंदर्यीकरण निगम कर रहा है। दोनों नदी के किनारों पर आकर्षक पौधे लगाने के साथ अन्य निर्माण कार्य भी किए जा रहे हैं। बावजूद इसके दोनों नदी के कई हिस्से में न तो सुंदरता दिखती और न ही नदी में पानी नजर आता है। नदी में गाद और कचरा ही दिखता है।
सरस्वती नदी पर पैदल पुल बनाने में बाधित दुकानें हटे तो हम निर्माण शुरू करें। निगम मार्केट विभाग को दुकानें हटाना हैं। इसके लिए टाइम लिमिट बैठक में भी कहा गया। दुकानें क्यों नहीं हट रही, यह मार्केट विभाग ही बताएगा।
– दिव्यांक ङ्क्षसह, सीईओ, स्मार्ट सिटी कंपनी
सरस्वती नदी किनारें की दुकान हटाने का काम रिमूव्हल विभाग का है, हमारा नहीं। मार्केट विभाग दुकानों का किराया भी नहीं लेता है।
नदी किनारे की दुकानों को हटाने के मामले को आज ही दिखवाता हूं। इसके बाद पैदल पुल निर्माण में बाधित दुकानों को हटाने के लिए संबंधित अफसरों को निर्देशित किया जाएगा।

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