नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की ओर से बैंक निफ्टी, निफ्टी मिडकैप सिलेक्ट और निफ्टी फाइनेंसियल सर्विसेज इंडेक्स के वीकली डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट को क्रमश: 13 नवंबर, 18 नवंबर और 19 नवंबर से बंद करने का ऐलान किया गया है।
एनएसई की ओर से यह फैसला इस महीने की शुरुआत में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा फ्यूचर्स और ऑप्शन (एफएंडओ) में कारोबार के लिए जारी किए गए नए नियमों का पालन करने के लिए लिया गया है।
अब एनएसई के मुख्य सूचकांक निफ्टी 50 इंडेक्स के ही वीकली डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट देखने को मिलेंगे।
सेबी द्वारा एफएंडओ सेगमेंट में ट्रेडिंग को लेकर जारी किए गए नियमों में कहा गया था कि 20 नवंबर से प्रति एक्सचेंज केवल एक वीकली इंडेक्स डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट की ही अनुमति होगी।
इससे पहले 3 अक्टूबर को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) की ओर से ऐलान किया गया था कि सेंसेक्स 50 और बैंकएक्स के वीकली डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट 14 नवंबर और 18 नवंबर से बंद हो जाएंगे। केवल सेंसेक्स का ही वीकली डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट ही ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होगा।
नए एफएंडओ नियमों के मुताबिक अब एक्सचेंजों को इंट्राडे पॉजिशन को दिन में चार बार मॉनिटर करना होगा और अगर कोई भी इंट्राडे लिमिट टूटती है तो पेनल्टी लगानी होगी।
बाजार नियामक द्वारा अब इंडेक्स डेरिवेटिव में कॉन्ट्रैक्ट साइज की न्यूनतम वैल्यू को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया गया है।
सेबी की ओर से यह कदम रिटेल निवेशकों द्वारा डेरिवेटिव सेगमेंट में लगातार किए जा रहे नुकसान की वजह से उठाया गया है। हाल ही में बाजार नियामक द्वारा एक स्टडी जारी की गई थी। इसमें बताया गया था कि बीते तीन वर्षों में एफएंडओ सेगमेंट में 1.10 करोड़ ट्रेडर्स को संयुक्त रूप से 1.81 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
इसमें से केवल सात प्रतिशत ट्रेडर्स ही पैसा कमाने में सफल हुए हैं। इसके कारण बाजार से जुड़े कई लोगों ने एफएंडओ नियमों को सख्त बनाने की बात कही थी। डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट के नए नियम 20 नवंबर, 2024 से लागू हो जाएंगे।