केंद्र की मोदी सरकार भारतीय सेना को मजबूत बनाने की ओर लगातार अग्रसर है। भविष्य में युद्ध लड़ने और विकट परिस्थितियों के लिए “तकनीकी रूप से बेहतर बल” बनने की अपनी दृष्टि के अनुरूप, ड्रोन से लेकर व्यक्तिगत सुरक्षा तक की क्षमताओं को पूरा करने के लिए लगातार आपातकालीन खरीद (ईपी) जारी है। इसकी मदद से केंद्र सरकार अपनी भारतीय सेना के बल को और भी सशक्त करने में जुटी है।

इसी कड़ी में आपातकालीन खरीद के चौथे दौर के तहत सेना द्वारा 7,600 करोड़ रुपये की 49 योजनाओं का अनुबंध किया गया है। सैन्य प्रतिष्ठान के सूत्रों ने यह भी कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए “एक लचीले और अनुकूली दृष्टिकोण की आवश्यकता है”। आपातकालीन खरीद की पहली तीन किश्तों में 6,600 करोड़ रुपये की अड़सठ योजनाओं पर हस्ताक्षर किए गए। 34 योजनाएं खरीद के अंतिम चरण में…

भारतीय सेना के रक्षा अधिकारी के मुताबिक, चौथी किश्त के हिस्से के रूप में, 7,600 करोड़ रुपये की 49 योजनाओं को गतिशीलता समाधान से लेकर संचार प्रणाली, ऊर्जा समाधान, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, ड्रोन और काउंटर ड्रोन, हथियार और सिम्युलेटर तक की क्षमताओं के लिए अनुबंधित किया गया है।

उन्होंने यह भी बताया कि लगभग 7000 करोड़ रुपए की 34 योजनाएं खरीद के अंतिम चरण में हैं। लॉजिस्टिक और नैनो ड्रोन, काउंटर-ड्रोन, लोइटर म्यूनिशन, अनआर्म्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) लॉन्च की गई प्रिसिजन गाइडेड मिसाइलें, स्वचालित स्पेक्ट्रम मॉनिटरिंग सिस्टम आदि जैसी आला तकनीकें खरीदी जा रही हैं।

रक्षा अधिकारी ने कहा कि भारतीय सेना ने परिचालन रसद में अधिक लचीलापन हासिल करने, एकांत चौकियों के रखरखाव और डिलीवरी में अंतिम मील की देरी को कम करने के लिए उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए लॉजिस्टिक ड्रोन खरीदे हैं। हमने उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए मिनी आरपीएएस भी हासिल किया है।

 

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